सावधान! Whatsapp पर आग की तरह फैलती है Fake News और Fake pics, फैक्ट चेक कितना जरूरी?

Whatsapp
निधि अविनाश । Sep 1 2020 6:20PM

MIT के एक रिसर्चर और ब्राजील के संघीय विश्वविद्यालय मिनस गेरैस के तीन अन्य लोगों ने 4,250 पब्लिक व्हाट्सएप ग्रुप में बातचीत का अध्ययन किया - जिनके लिंक पिछले साल फरवरी और जून के बीच संसदीय चुनाव अभियान के साथ मेल खाते थे। जिसमें उन्हें 5 लाख यूनिक तस्वीरें मिलीं, जिनमें से 205 को फैक्ट चेक किया गया था।

जब लोकसभा चुनाव पूरे जोर-शोर से चल रहा था, उस समय फैक न्यूज और फैक तस्वीरे भी काफी वायरल हो रही थी। इन तस्वीरों में कितनी सच्चाई थी इसको लेकर जांच अभियान में तथ्य जांचकर्ता भी जुटे रहे है। बता दें कि सोशल मीडिया में खासकर के व्हाटसप पर गलत सूचनाएं और खबरें आग की तरह फैलती है। इनमें ज्यादातर वैसी तस्वीरें भी होती है जो केवल झूठ ही नहीं बल्कि हिंसा भी फैलाती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि अगर 5 तस्वीरों की जांच की गई तो उसमें से 4 वैसे ही व्हाटसप के कई ग्रूप में इधर-उधर तक फैल चुकी होती है। 

इसे भी पढ़ें: SC ने भगोड़े विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज की, पांच अक्ट्रबर को पेश होने का दिया आदेश

 MIT के एक रिसर्चर और ब्राजील के संघीय विश्वविद्यालय मिनस गेरैस के तीन अन्य लोगों ने 4,250 पब्लिक व्हाट्सएप ग्रुप में बातचीत का अध्ययन किया - जिनके लिंक पिछले साल फरवरी और जून के बीच संसदीय चुनाव अभियान के साथ मेल खाते थे। जिसमें उन्हें 5 लाख यूनिक तस्वीरें मिलीं, जिनमें से 205 को फैक्ट चेक किया गया था। इनमें से खराब नकली या पुरानी तस्वीरों को बार-बार शेयर किया गया। 'हार्वर्ड मिसिनफॉर्मेशन रिव्यू' ने लिखा, "भले ही तथ्य की जाँच करने वाले प्रयासों को गलत जानकारी के रूप में लेबल किया गया हो, फिर भी इसे प्लेटफ़ॉर्म पर स्वतंत्र रूप से शेयर किया जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि फैक्ट चेक अकेले इन तस्वीरों को ब्लॉक नहीं कर सकती है।  वास्तव में, नकली तस्वीरों को 2,944 बार शेयर किया गया था।

इसे भी पढ़ें: चीन के साथ तनाव बढ़ने से बाजार पर असर, सेंसेक्स लुढ़का; निवेशकों को हुआ भारी नुकसान

एमआईटी से किरण गरिमेला ने टीओआई को बताया कि “हमारे डेटासेट इस मायने में थोड़े अलग हैं कि ग्रुप ऐसे लोगों के नहीं हैं, जो एक-दूसरे को फैमिली व्हाटसप ग्रुप की तरह जानते हैं। ये अजनबी लोगों के साथ राजनीतिक ग्रुप हैं। उन्होंने कहा कि "अगर यह मेरा परिवार ग्रुप है, तो मैं कह सकता हूं, 'ओह, इसे आगे शेयर न करें' वर्तमान में व्हाट्सएप पर इस तरह का सामुदायिक-संचालित मॉडरेशन केवल एक ही है। हम जानते हैं कि अगर ये सुधार (नकली जानकारी) आपके किसी परिचित, किसी करीबी दोस्त या परिवार के सदस्य की तरफ से आते हैं, तो यह प्रभावी होने की अधिक संभावना है। "गरिमेला ने कहा कि “यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में मैं अक्सर सोचती हूं - व्हाट्सएप अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अलग कैसे है? यह एक टेक्सटिंग ऐप के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन फिर यह बड़ा सोशल नेटवर्क बन गया। फेसबुक या ट्विटर के विपरीत, जहां सामग्री मॉडरेशन संभव है क्योंकि पोस्ट सार्वजनिक हैं, व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करता है। व्हाट्सएप इस पर सामग्री को देखने में सक्षम नहीं है और परिणामस्वरूप, इसे या तो मॉडरेट नहीं कर सकता है।व्हाट्सएप के चारों ओर एक वैकल्पिक सोशल मीडिया इकोसिस्टम बनाया गया है: “आप व्हाट्सएप पर सीधे चेट से लकेर मीम्स या राजनीतिक जोक शेयर कर सकते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़