गेहूं निर्यात प्रतिबंध से वैश्विक बाजार में हेराफेरी की कोशिशों पर लगेगी लगामः सूत्र

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सूत्रों ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर भारत वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने गेहूं के स्टॉक का सबसे अधिक जरूरतमंद देशों के लिए उचित और जायज उपयोग सुनिश्चित करना चाहता है।

नयी दिल्ली, 14 मई गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कुछ विदेशी कारोबारियों द्वारा वैश्विक बाजार में कीमतों में हेराफेरी के मकसद से भारतीय गेहूं की जमाखोरी की कोशिशों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

सूत्रों ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर भारत वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने गेहूं के स्टॉक का सबसे अधिक जरूरतमंद देशों के लिए उचित और जायज उपयोग सुनिश्चित करना चाहता है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कीमतों में हेरफेर के लिए भारतीय गेहूं की जमाखोरी के प्रयासों को नाकाम कर देगा। इससे खाद्य मुद्रास्फीति को भी कम करने में मदद मिलेगी।’’

उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक, चीन के कुछ व्यापारी वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूं की कीमतों को लेकर हेराफेरी की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इस पाबंदी के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा और भारतीय गेहूं अब जरूरतमंद देशों को जाएगा।

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी एक अधिसूचना में इस फैसले की जानकारी दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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