टीवी और फोन देख-देखकर आंखों पर असर, अब Eye Drop की डिमांड बढ़ी

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निधि अविनाश । Apr 14 2020 5:55PM

एक खबर के मुताबिक केमिस्ट विजय पाल ने कहा कि ड्राई आई के लिए इस्तेमाल होने वाले आईड्रॉप की मांग काफी बढ़ गई है। इससे दवाओं का स्टॉक कम हो गया है।बता दे कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से ही लोग थोक में पैरासिटामोल और इंसुलिन की दवाओं को खरीद रहे है।

नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों की वजह से मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है। लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में ही रह रहे है और ज्यादा से ज्यादा टीवी और मोबाइल में अपना समय बीता रहे है जिसकी वजह से अचानक आई ड्रॉप्स की मांग बढ़ गई है। दवा दुकानदारों के मुताबिक पहले लोग यह दवा मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंख में डालने के लिए खरीदते थे लेकिन अब इन दवाओं का स्टॉक कम होता जा रहा है। इसकी बड़ी वजह सिर्फ लॉकडाउन में लोगों का ज्यादातर टीवी और स्मार्ट फोन देखना है। एक खबर के मुताबिक केमिस्ट विजय पाल ने कहा कि ड्राई आई के लिए इस्तेमाल होने वाले आईड्रॉप की मांग काफी बढ़ गई है। इससे दवाओं का स्टॉक कम हो गया है।बता दे कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से ही लोग थोक में  पैरासिटामोल और इंसुलिन की दवाओं को खरीद रहे है। हालांकि दवा दुकानदारों का यह भी कहना है कि दवाइयों की कमी नहीं है। 

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वहीं बात करे कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच मार्च की तुलना अप्रैल में दवाओं की बिक्री में 30 से 40 पर्सेंट की कमी आई है। क्योंकि अब लोग वहीं दवा खरीद रहे है जो डॉक्टर लिख रहे हैं। डॉक्टर व दवा विक्रेताओं के अनुसार दवाइयों की बिक्री में आ रही कमी ठीक है और इसकी बड़ी वजह कोरोना वायरस है। 

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