फिनटेक कंपनियों को बजट से वित्तीय समावेश और प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद

fintech meeting
प्रतिरूप फोटो

पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार (वित्तीय सेवाएं) नितिन जैन ने कहा कि डिजिटल कर्ज प्रदान करने संबंधी अच्छा कारोबारी माहौल सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कर्जदाताओं के लिए योग्यता मानदंड, कम अवधि के कर्ज, कर्ज सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी दिशा-निर्देश, डेटा गवर्नेंस नियम, पारदर्शिता संबंधी नियम आवश्यक हैं।

नयी दिल्ली। वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) उद्योग ने आगामी बजट में कर में कटौती की मांग करते हुए इस पर जोर दिया है कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और नकदी पर कम-निर्भर अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन आवश्यक है। फिनटेक उद्योग और विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टीडीएस दरों को कम करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह के कदम से सरकारी राजस्व पर कोई असर न पड़ते हुए फिनटेक क्षेत्र के लिए पूंजी उपलब्ध हो सकेगी। 

इसे भी पढ़ें: बजट सत्र से ठीक पहले नए मुख्य आर्थिक सलाह हुए नियुक्त, डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन को मिली जिम्मेदारी

पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार (वित्तीय सेवाएं) नितिन जैन ने कहा कि डिजिटल कर्ज प्रदान करने संबंधी अच्छा कारोबारी माहौल सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कर्जदाताओं के लिए योग्यता मानदंड, कम अवधि के कर्ज, कर्ज सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी दिशा-निर्देश, डेटा गवर्नेंस नियम, पारदर्शिता संबंधी नियम आवश्यक हैं। स्टेशफिन की सह-संस्थापक श्रुति अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं का वित्तीय सशक्तीकरण उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है और अच्छा होगा कि बजट में इस सिद्धांत का भी खयाल रखा जाए जिसमें प्रत्येक महिला के डिजिटल वित्तीय समावेश पर विशेष ध्यान हो। 

इसे भी पढ़ें: खपत को बढ़ावा, कर रियायत और ईंधन कर में कटौती पर केंद्रित हो बजट

सिक्योरनाऊ के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा, ‘‘बजट में फिनटेक स्टार्ट अप के लिए यदि टीडीएस दर एक फीसदी कम की जाती है तो यह बहुत मददगार होगा। इससे अत्यावश्यक कार्यशील पूंजी उपलब्ध होगी और सरकारी खजाने को नुकसान भी नहीं होगा क्योंकि घाटे में चल रही कंपनियों को टीडीएस वैसे भी रिफंड कर दिया जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़