आम बजट: गांव, गरीब, किसान के साथ साथ अर्थव्यस्था को गति देने पर जोर

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[email protected] । Jul 5 2019 1:36PM

आम चुनाव में मतदाताओं ने काम करने वाली सरकार के पक्ष में मत दिया। उन्होंने कहा कि हमने अंतिमछोर तक कार्यक्रमों को पहुंचाया। अब कार्यक्रमों की रफ्तार तेज की जाएगी और लालफीताशाही को कम किया जाएगा।

नयी दिल्ली। ‘‘गांव, गरीब और किसान’’ तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को ‘‘अधिक सरल’’ बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गये नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांच के विस्तार, पेंशन और वीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण में कहा कि हालिया चुनाव में एक आकर्षक और मजबूत भारत की उम्मीदें लहरा रही थीं और लोगों ने एक ऐसी सरकार को चुना जिसने काम कर के दिखाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपने पहले कार्यकाल में ‘न्यू इंडिया’ के लिए काम शुरू कर दिया था। अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और आगे चलकर लालफीताशाही को और कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में काम को पूरा कर के दिखाया। आम चुनाव में मतदाताओं ने काम करने वाली सरकार के पक्ष में मत दिया। उन्होंने कहा कि हमने अंतिमछोर तक कार्यक्रमों को पहुंचाया। अब कार्यक्रमों की रफ्तार तेज की जाएगी और लालफीताशाही को कम किया जाएगा। 

बजट में देश के तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों और दुकानदारों को पेंशन सुविधा के तहत लाने की भी घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये से कम के सालाना कारोबार वाले तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों एवं दुकानदारों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को अब तक 30 लाख कामगारों ने अपनाया। इस योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी। योजना की शुरुआत पिछले साल प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में की थी। सीतारमण ने कि कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी। साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी। अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक (टीपीए), सर्वेयर और नुकसान आकलनकर्ता शामिल हैं।

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देश की पहली पूर्ण कालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना प्रथम बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार का मकसद ‘‘हमारे नागरिकों के जीवन को अधिक सरल बनाना है।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान पर दिये जाने वाले जोर की प्रतिध्वनि वित्त मंत्री के बजट भाषण में भी सुनाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘यह सूचना देते हुए प्रसन्न एवं संतुष्ट हूं कि भारत को दो अक्तूबर 2019 को खुले में शौच करने से मुक्त घोषित किया जाएगा।’ वित्त मंत्री ने किराये वाले मकानों के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि किराये वाले मकानों को प्रोत्साहन देने के लिए कई सुधार किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून काफी पुराने हैं क्योंकि वे पट्टा देने वाले और पट्टा लेने वालों के संबंधों की समस्याओं का ढंग से निदान नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रम कानूनों को सरल कर चार कानून संहिताएं तय की जाएंगी। इसका मकसद रिटर्न दाखिले और पंजीकरण का मानकीकरण करना और विवादों को घटना है। महिला उद्मियों की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक स्वयं सेवी समूह की प्रमाणित महिला सदस्य का जन धन खाता होगा और उन्हें पांच हजार रूपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। सरकार के प्रत्येक कार्य एवं योजना के केन्द्र में ‘‘गांव, गरीब और किसान’’ होने का दावा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।

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