सुरेश प्रभु ने कहा, वैश्विक व्यापार व्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वैश्विक व्यापार इस समय बड़ी चुनौतियों का समाना कर रहा हैं और इन चुनौतियों का उचित तरीके से समाधान किये जाने की जरूरत है
नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वैश्विक व्यापार इस समय बड़ी चुनौतियों का समाना कर रहा हैं और इन चुनौतियों का उचित तरीके से समाधान किये जाने की जरूरत है ताकि विश्व अर्थव्यस्था का मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार से घरेलू अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने में मदद मिलती है। इसलिये हमें इस पर समुचित ध्यान देने की जरूरत है।
अमेरिका के कुछ इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर ऊंचा आयात शुल्क लगाने के फैसले से व्यापार युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है। क्योंकि इसके बाद कई अन्य देशों ने भी आयात शुल्क बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। सुरेश प्रभु ने कहा कि ऐसे समय जब 2008 के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी कमजोर बनी है , संस्थान गहन छानबीन के दायरे में आये हैं , हम गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब लोग न केवल संस्थानों को चुनौती दे रहे हैं बल्कि व्यापार की अवधारणा को ही नकार रहे हैं। यह वास्तव में काफी गंभीर मुद्दा है। हमें इस समस्या का उचित तरीके से समाधान करना चाहिये क्योंकि विश्व व्यापार से सभी को फायदा मिलता है और यह साबित हो चुका है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की अहमियत पर जोर देते हुये वाणिज्य मंत्री ने कहा कि वह कुछ देशों के साथ बात कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैश्विक व्यापार प्रणाली में डब्ल्यूटीओ को अधिक अहम बनाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘...डब्ल्यूटीओ में सुधार किया जाना चाहिये। संस्थानों में सुधार होना चाहिये लेकिन हम चाहते हैं कि डब्ल्यूटीओ वैश्विक व्यापार का संवर्धन करे।’
प्रभु ने कहा कि सेवाओं का व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में पेशेवरों के आवागमन के नियमों की समीक्षा पर गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2017- 18 में वस्तु एवं सेवाओं का निर्यात 12 प्रतिशत बढ़ा है।
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