यूक्रेन संकट के बीच LIC के IPO को टाल सकती है सरकार: विशेषज्ञ

LIC

ट्रेडस्मार्ट के अध्यक्ष विजय सिंघानिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार के लिए आईपीओ को कुछ महीनों के लिए टालना कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि इससे वित्त वर्ष 2021-22 के बजट आंकड़े कुछ बिगड़ जाएंगे।

नयी दिल्ली, बाजार विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सरकार एलआईसी की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है, क्योंकि मौजूदा हालात में निर्गम को लेकर फंड प्रबंधकों की दिलचस्पी कम हुई है। सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था। इसआईपीओ से चालू वित्त वर्ष के लिए 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलने की भी उम्मीद थी। आशिका समूह के खुदरा इक्विटी शोध प्रमुख अरिजीत मालाकार ने कहा, रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य वैश्विक इक्विटी बाजारों पर दबाव डाल रहा है। भारतीय बाजारों ने भी इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अब तक अपने उच्चतम स्तर से लगभग 11 प्रतिशत टूट चुका है।

उन्होंने कहा, ऐसे में बाजार की मौजूदा अस्थिरता एलआईसी के आईपीओ के लिए अनुकूल नहीं है और सरकार इस निर्गम को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है। रिसर्च इक्विटीमास्टर की सह-प्रमुख तनुश्री बनर्जी ने कहा कि बाजार की कमजोर धारणा एलआईसी आईपीओ के लिए निराशाजनक है। ऐसे में इस आईपीओ के स्थगित होने की आशंका है। अपसाइड एआई के सह-संस्थापक अतनु अग्रवाल ने कहा कि व्यापक अनिश्चितता की स्थिति में उभरते बाजारों में हमेशा बिकवाली देखने को मिलती है। इसका मतलब है कि घरेलू बाजारों में नकदी कम हो रही है। ट्रेडस्मार्ट के अध्यक्ष विजय सिंघानिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार के लिए आईपीओ को कुछ महीनों के लिए टालना कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि इससे वित्त वर्ष 2021-22 के बजट आंकड़े कुछ बिगड़ जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़