पारादीप बंदरगाह को 3,000 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय बनाया जाएगाः मंत्रालय

Ministry of Seaport and Shipping
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बयान के मुताबिक, पारादीप बंदरगाह के आधुनिकीकरण में बीओटी के आधार पर 2,040 करोड़ रुपये की लागत से नए पश्चिमी गोदी का विकास किया जाएगा। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह परियोजना पारादीप बंदरगाह के एक मेगा पोर्ट बनने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

नयी दिल्ली| ओडिशा में पारादीप बंदरगाह को 3,004.63 करोड़ रुपये की लागत से एक विश्व-स्तरीय आधुनिक बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें बड़े आकार के शुष्क मालवाहक ‘‘कैप्साइज’’ जहाजों को संभालने की क्षमता भी होगी। बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी।

मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना के तहत पारादीप बंदरगाह का विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) मॉडल पर किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक, यह परियोजना पारादीप बंदरगाह को एक विश्व-स्तरीय आधुनिक बंदरगाह में बदल देगी जिसमें ‘‘कैप्साइज’’ जहाजों को संभालने की क्षमता भी होगी।

मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,004.63 करोड़ रुपये है। कैप्साइज़ जहाज मालवाहक श्रेणी का सबसे बड़ा समूह है जो लौह अयस्क एवं कोयला जैसे माल की भी ढुलाई कर सकता है।

कैप्साइज जहाज अपने लंबे आकार की वजह से पनामा नहर से नहीं गुजर सकते हैं और उन्हें प्रशांत एवं अटलांटिक महासागरों के बीच जाने के लिए केप ऑफ गुड होप के चारों ओर चक्कर लगाना पड़ता है। बयान के मुताबिक, पारादीप बंदरगाह के आधुनिकीकरण में बीओटी के आधार पर 2,040 करोड़ रुपये की लागत से नए पश्चिमी गोदी का विकास किया जाएगा। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह परियोजना पारादीप बंदरगाह के एक मेगा पोर्ट बनने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि यह पूर्वी राज्यों के विकास के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है और बंदरगाह की क्षमता में 2.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता जोड़ने के साथ-साथ बंदरगाह की दक्षता में सुधार करने में योगदान देगा।

बयान में कहा गया कि इस परियोजना से बंदरगाह की भीड़-भाड़ कम होगी, समुद्री मालभाड़ा कम होगा, कोयले का आयात सस्ता होगा और बंदरगाह के भीतरी इलाकों में औद्योगिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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