सरकार चालू वित्तवर्ष में 3.3% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य करेगी हासिल: जेटली

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[email protected] । Dec 22 2018 6:36PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस समय जब हम राजस्व के लक्ष्य की ओर देखते हैं तो अप्रत्यक्ष कर (की वसूली) समयसारणी के हिसाब से अभी कुछ पीछे है, जबकि प्रत्यक्ष कर ऊपर है।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को विश्वास जताया कि कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में ताजा कटौती के बावजूद सरकार वर्तमान वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल कर लेगी। वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। परिषद ने कुल 23 तरह की वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कमी की है। इससे राजस्व पर सालाना 5,500 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ने का अनुमान है।

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जेटली ने कहा कि इस समय जब हम राजस्व के लक्ष्य की ओर देखते हैं तो अप्रत्यक्ष कर (की वसूली) समयसारणी के हिसाब से अभी कुछ पीछे है, जबकि प्रत्यक्ष कर ऊपर है। हम गैर-कर राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य की ओर भी ठीक-ठाक बढ़ रहे हैं। इस समय सरकार को पूरी उम्मीद है कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। साल 2017-18 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत पर था।

सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान वित्त वर्ष के पहले सात महीने (अप्रैल-अक्टूबर) की अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों के 103.9 प्रतिशत के बराबर था। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने जीएसटी दरों में ताजा कटौती से राजस्व वसूली पर किसी बड़े असर की आशंका को दूर करते हुए कहा कि अनुमानित 5,500 करोड़ रुपये की राजस्व हानि का अनुमान पूरे वित्त वर्ष के संदर्भ में है। चालू वित्त वर्ष के शेष तीन महीनों में यह नुकसान एक-चौथाई ही रहेगा। 

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उल्लेखनीय है कि टीवी स्क्रीन, सिनेमा टिकट और अन्य 23 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कमी का शनिवार का फैसला आगामी पहली जनवरी से लागू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व में कमी विभिन्न तरीकों से अनुपालन बढ़ाकर पूरी कर ली जाएगी।

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