सरकार 2030 तक भुखमरी समाप्त करने के लिए प्रयासरत: राधामोहन सिंह

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[email protected] । Oct 16 2018 7:48PM

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कृषि उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के बारे में ब्यौरा देते हुए कहा कि सरकार वर्ष 2030 तक ''भुखमरी समाप्त’ करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है।

नई दिल्ली। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कृषि उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के बारे में ब्यौरा देते हुए कहा कि सरकार वर्ष 2030 तक 'भुखमरी समाप्त’ करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है। सिंह की यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत में भूख की गंभीर समस्या को लेकर सरकार पर कड़ा प्रहार किये जाने के बाद आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2018 में 119 देशों में भारत 103वें स्थान पर रहा है।

सिंह ने विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय 'कृषि स्टार्ट-अप और उद्यमिता सम्मेलन' में कहा कि वर्ष 2030 तक भुखमरी को पूरी तरह समाप्त करना एक बड़ा लक्ष्य है। हमारी सरकार लगातार उस दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। खाद्यान्न उत्पादन के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन क्रमश: 28 करोड़ 48 लाख टन और बागवानी क्षेत्र का उत्पादन 30.7 करोड टन के रिकॉर्ड स्तर को छुआ है।

भुखमरी की समस्या पर सिंह ने एक अलग बयान में कहा कि सरकार की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने और भुखमरी की समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भुखमरी पूरी तरह समाप्त होने की स्थिति से सालाना 30.1 करोड़ लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है और यह हर किसी के लिए एक सुरक्षित, अधिक समृद्ध दुनिया बनाने में मदद कर सकती है।" उन्होंने कहा कि इस साल के विश्व खाद्य दिवस का विषय है 'हमारी पहल ही हमारा भविष्य है - वर्ष 2030 तक भुखमरी मुक्त दुनिया बनाना संभव है।

इससे पूर्व कृषि स्टार्ट-अप के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार 200 में से 150 स्टार्ट-अप का समर्थन कर रही है और उद्यमियों को प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि युवाओं को भी कृषि कौशल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है क्योंकि अनुमान लगाया गया है कि कृषि क्षेत्र में लगभग 22 लाख कुशल युवाओं की आवश्यकता है। कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किसानों को बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि सरकार ने 25 ‘एग्री इन्क्युबेशन सेन्टर’ स्थापित किए हैं और 50 से अधिक की स्थापना की जायेगी ताकि उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।

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