नए साल से एक माह का जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जमा नहीं कर सकेंगे GSTR-1

GSTR-1 will not be able to be submitted

जीएसटीआर-1 नए साल से एक माह का जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जमा नहीं कर सकेंगे। माना जा रही है कि इन कदमों से जीएसटी की चोरी से राजस्व में होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।

नयी दिल्ली। नए साल यानी एक जनवरी से संक्षिप्त रिटर्न और मासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों को आगे के महीने के लिए जीएसटीआर-1 बिक्री रिटर्न दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी। जीएसटी परिषद की लखनऊ में शुक्रवार को हुई बैठक में अनुपालन को सुसंगत बनाने की दृष्टि से कई फैसले किए गए। इसमें कंपनियों या कारोबारियों द्वारा रिफंड का दावा करने के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य किया जाना भी शामिल है। माना जा रही है कि इन कदमों से जीएसटी की चोरी से राजस्व में होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।

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जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 को लागू हुई थी। जीएसटी परिषद ने एक जनवरी, 2022 से केंद्रीय जीएसटी नियम के नियम 59 (6) में संशोधन करने का फैसला किया है। इसके तहत यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति ने पिछले महीने का फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो उसे जीएसटीआर-1 जमा करने की अनुमति नहीं होगी। अभी कंपनियां यदि पिछले दो माह क जीएसटीआर-3बी जमा करने में चूक जाती हैं, तो उन्हें बाहरी आपूर्ति या जीएसटीआर-1 जमा कराने की अनुमति नहीं होती। कंपनियों को किसी महीने के लिए जीएसटीआर-1 बाद के महीने के 11वें दिन तक जमा कराना होता है।

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वहीं जीएसटीआर-3बी जिसके जरिये कंपनियां कर का भुगतान करती हैं, उसके बाद के माह के 20वें से 24वें दिन जमा कराना होता है। इसके अलावा परिषद ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है तभी कोई कंपनी रिफंड के लिए दावा कर सकेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार सत्यापन को 21 अगस्त, 2020 से अनिवार्य किया था। परिषद ने अब फैसला किया है कि कंपनियों को अपने जीएसटी पंजीकरण को बायोमीट्रिक आधार से जोड़ना होगा, तभी वे रिफंड के लिए दावा कर सकेंगी या रद्द पंजीकरण को फिर बहाल करने के लिए आवदेन कर सकेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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