GST के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह के लिहाज हरियाणा सबसे ऊपर
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह के लिहाज से हरियाणा सबसे आगे रहा है। ई- वे बिल के मामले में हरियाणा का चौथा स्थान रहा है।
चंडीगढ़। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह के लिहाज से हरियाणा सबसे आगे रहा है। ई- वे बिल के मामले में हरियाणा का चौथा स्थान रहा है। राज्य के वित्त मंत्री अभिमन्यु ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से हरियाणा का कर आधार 82.22 प्रतिशत बढ़ा है जबकि राजस्व प्राप्ति में 19 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसके अलावा राज्य में करदाताओं की ओर से अनुपालन भी राष्टूीय औसत से पांच से सात प्रतिशत अधिक रहा है। वाणिज्यिक करों के तहत राजस्व प्राप्ति में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज की गई।
जीएसटी लागू होने के बाद से राज्य में हासिल सफलताओं की जानकारी देते हुये उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी सफलता कर आधार में 82.22 प्रतिशत वृद्धि होना रही है। जीएसटी लागू होने से पहले राज्य में वैट, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सेवाकर के तहत हरियाणा में कुल 2.25 लाख करदाता पंजीकृत थे वहीं जीएसटी के बाद यह संख्या बढ़कर 4.10 लाख तक पहुंच गई। यह संख्या तब है जब जरूरी पंजीकरण के लिये कारोबार सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
जीएसटी वसूली के बारे में अभिमन्यु ने कहा कि 2017- 18 के नौ महीनों में औसत प्राप्ति 1,505.93 करोड़ रुपये रही जो कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती तीन महीनो के दौरान 19.85 प्रतिशत बढ़कर 1,804.96 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत रिटर्न दाखिल करने और अनुपालन का अनुपात राष्ट्रीय औसत से पांच से सात प्रतिशत ऊपर रहा है और यह 98.27 प्रतिशत तक रहा है जो कि एक उल्लेखनीय सफलता है।
अभिमन्यु ने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून 2018 के बीच राज्य में 1.12 करोड़ ई - वे बिल निकाले गये। इस लिहाज से हरियाणा ई - वे बिल लेने वाले राज्यों में चौथे स्थान पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि उत्पाद और कराधान विभाग के अधिकारियों ने 1.10 लाख ई - वे बिल की जांच की और 3,358 गड़बड़ियों का पता लगाया। इसके चलते अप्रैल और मई 2018 में 21.37 करोड़ रुपये का जुर्माना प्राप्त किया।
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