कच्चे माल की ऊंची लागत से 15 प्रतिशत घट सकता है सीमेंट कंपनियों का मुनाफा

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सीमेंट कंपनियों का मुनाफा मजबूत मांग के बावजूद कच्चे माल की कीमतों में उछाल की वजह से 15 प्रतिशत घट सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में हालांकि कहा कि कर्ज परिदृश्य के लिहाज से उच्च मांग से सीमेंट उद्योग को कुछ कछ राहत मिलेगी।

सीमेंट कंपनियों का मुनाफा मजबूत मांग के बावजूद कच्चे माल की कीमतों में उछाल की वजह से 15 प्रतिशत घट सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में हालांकि कहा कि कर्ज परिदृश्य के लिहाज से उच्च मांग से सीमेंट उद्योग को कुछ कछ राहत मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट विनिर्माताओं की परिचालन लाभ चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत घटकर 900 से 925 रुपये प्रति टन रह सकता है। इसमें पिछले वित्त वर्ष भी नौ प्रतिशत की कमी आई थी।

एजेंसी ने कहा मांग की वजह से अधिक आय की प्राप्ति कोयला, पेटकोक और डीजल की कीमतों में वृद्धि की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं होगी। कच्चे माल की ऊंची कीमत ने उत्पादन की औसत लागत को बढ़ा दिया है। क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीमेंट मांग में 17 प्रतिशत की वृद्धि हालांकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कमजोर तुलनात्मक आधार का नतीजा है। लेकिन यह अच्छी खबर है।

आने वाली तिमाहियों में इसमें कमी होगी और पूरे वित्त वर्ष में यह 8 से 10 प्रतिशत रह सकती है। इसके बावजूद यह वित्त वर्ष 2018-19 के बाद सर्वाधिक होगी। सीमेंट बाजार में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली 22 सीमेंट कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च मांग सीमेंट विनिर्माताओं के कुल परिचालन लाभ और नकदी पर पड़ने वाले प्रभाव को कुछ हद तक कम करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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