ICICI Prudential AMC IPO को ज़बरदस्त रिस्पॉन्स, दूसरे ही दिन फुल सब्सक्राइब हुआ

आईपीओ के दूसरे दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया, जिसमें संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग देखने को मिली। यह इश्यू ऑफर फॉर सेल आधारित था और इसमें खुदरा निवेशकों की भागीदारी सीमित रही। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आईपीओ का लंबी अवधि के लिए सकारात्मक नजरिया है और निवेशकों के लिए यह आकर्षक अवसर साबित हो सकता है।
शेयर बाजार की हलचल के बीच प्राथमिक बाजार से एक और मजबूत संकेत सामने आया है। बता दें कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट का करीब 1.2 अरब डॉलर का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम दूसरे ही दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया है। मौजूद जानकारी के अनुसार, सोमवार को संस्थागत निवेशकों की भारी भागीदारी के चलते यह इश्यू अपने तय शेयरों से ज्यादा बोलियां हासिल करने में सफल रहा।
गौरतलब है कि यह इस साल का देश का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ है और इसके साथ ही भारत लगातार दूसरे साल रिकॉर्ड स्तर पर प्राथमिक बाजार से पूंजी जुटाने की दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत निवेशक रुचि यह संकेत देती है कि घरेलू पूंजी बाजारों में भरोसा बरकरार है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट, देश के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक और ब्रिटिश बीमा कंपनी प्रूडेंशियल का संयुक्त उपक्रम है। इस आईपीओ में कंपनी की ओर से कोई नया शेयर जारी नहीं किया गया है। बता दें कि इसमें प्रूडेंशियल अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच रही है, जिससे यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल आधारित इश्यू बना हुआ है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, प्रूडेंशियल के पास दिसंबर की शुरुआत तक कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसमें से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी इस सार्वजनिक निर्गम के जरिए बेची जा रही है। इससे पहले भी कंपनी ने आईपीओ से पहले करीब 4.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बाजार में उतारी थी। यह इश्यू मंगलवार को बंद होना है।
सोमवार सुबह तक मिले आंकड़ों के मुताबिक, आईपीओ को उपलब्ध शेयरों के मुकाबले थोड़ी अधिक बोलियां मिली हैं। योग्य संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से में दो गुना से अधिक मांग देखने को मिली, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरधारकों के लिए तय कोटा भी पूरी तरह भर गया है। हालांकि खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी अभी आंशिक रूप से सब्सक्राइब हुई है।
इश्यू के प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन उसके वित्त वर्ष 2025 की कमाई के आधार पर करीब 40 गुना बैठता है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यह मूल्यांकन अन्य सूचीबद्ध एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के अनुरूप माना जा रहा है। कुछ विश्लेषकों के अनुसार, इश्यू के आकार को देखते हुए लिस्टिंग पर सीमित लाभ की उम्मीद है, लेकिन लंबी अवधि के नजरिये से यह निवेशकों के पोर्टफोलियो के लिए उपयुक्त स्टॉक साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि कंपनी सितंबर के अंत तक 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रही थी और इसका बाजार हिस्सेदारी करीब 13 प्रतिशत से ज्यादा रही है। पिछले कुछ वर्षों में इसके प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जो भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में बढ़ते निवेश और घरेलू बचत के औपचारिक बाजार की ओर झुकाव को दिखाती है।
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