भारत ने भूटान को 4,500 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की
रूपे कार्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट नेटवर्क है। भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा का मुख्य मकसद भारत-भूटान संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाना है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान के अपने समकक्ष लोटे शेरिंग के साथ व्यापक वार्ता के बाद उनकी 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 4,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की शुक्रवार को घोषणा की। मोदी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि भारत एक विश्वस्त मित्र के तौर पर भूटान के सर्वांगिण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। प्रधानमंत्री ने भारतीय रूपे कार्ड शुरू करने के भूटान के फैसले के लिए शेरिंग का शुक्रिया अदा किया। रूपे कार्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट नेटवर्क है। भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा का मुख्य मकसद भारत-भूटान संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाना है। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भारत में जीएसटी के क्रियान्वयन से प्रभावित हुए भूटानी कारोबारियों की मदद का भी आश्वासन दिया है।
India is delighted to welcome @PMBhutan Dr. Lotay Tshering. We had fruitful talks, focused on deepening cooperation in hydropower, space technology, economy and several other areas. Strong ties between our nations greatly benefit our citizens. pic.twitter.com/oNbDtuFbR4
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2018
उन्होंने कहा, ‘‘हम बेहद प्रसन्न हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने निजी तौर पर हमसे प्रतिबद्धता प्रकट की, हमारा समर्थन किया...भारत सरकार ने हमारी 12वीं पंचवर्षीय योजना का पूरा समर्थन किया है। भारत में जीएसटी लागू होने के बाद प्रभावित हुए हमारे कारोबारियों की भी मदद की जाएगी।’’ बातचीत में दोनों नेताओं ने पहले से मजबूत आपसी द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर ध्यान दिया। पनबिजली और कारोबार के क्षेत्र पर भी वार्ता हुई। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की बातचीत में सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई। भूटान रणनीतिक रूप से भारत के लिये अहम पड़ोसी है और दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग भी अच्छा है जो डोकलाम गतिरोध के दौरान नजर आया था। मोदी ने कहा कि भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत 4,500 करोड़ रुपये देगा। भूटान की नई पंचवर्षीय योजना इस साल शुरू होगी और 2022 तक चलेगी।
Attaching priority to unique ties of friendship and cooperation.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 28, 2018
EAM @SushmaSwaraj called on @PMBhutan Dr Lotay Tshering. Congratulated him on assumption of high office of PM of Bhutan. Warm exchange of views on important aspects of our bilateral relationship. pic.twitter.com/iOMt4kdNQN
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मोदी ने कहा कि भूटान के साथ पनबिजली पर सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का अहम आयाम है और मांगेदाचू परियोजना पर काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। मोदी ने कहा हमारे सहयोग में एक नया आयाम अंतरिक्ष विज्ञान का है। मुझे प्रसन्नता है कि साउथ एशियन सेटेलाइन से लाभ उठाने के लिए इसरो द्वारा भूटान में बनाया जा रहा ग्राउंड स्टेशन भी शीघ्र तैयार होने वाला है। इस परियोजना के पूरा होने से भूटान के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी मौसम की जानकारी, टेलीमेडिसिन और आपदा राहत जैसे कार्यों में मदद मिलेगी।
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शेरिंग ने कहा कि पनबिजली भूटान के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत है। शेरिंग आम चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के बाद पिछले महीने हिमालयी देश के प्रधानमंत्री बने थे। कार्यभार संभालने के बाद वह अपनी पहली विदेश यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे। शेरिंग ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी देश के पहले राष्ट्राध्यक्ष थे जिन्होंने चुनावी जीत पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने देश की विकास से जुड़ी जरूरतों का समर्थन करने के लिए भी भारत का आभार व्यक्त किया। इससे एक दिन पहले शेरिंग का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी शुक्रवार सुबह भूटान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। सुषमा ने भूटान के प्रधानमंत्री का पद संभालने के लिए शेरिंग को बधायी दी और दोनों नेताओं के बीच ‘‘विचारों का गर्मजोशीपूर्ण आदान-प्रदान’’ हुआ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी।
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