उद्योग जगत को budget में लीक से हटकर कदमों के ऐलान की उम्मीद

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समीक्षा के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में कुछ धीमी पड़कर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि भारत दुनिया भर में आई असाधारण चुनौतियों का सामना करने में अन्य देशों से कहीं बेहतर स्थिति में है और दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक मूल्यांकन पेश करती है। इसके साथ ही उद्योग निकायों ने वृद्धि और खपत बढ़ाने के लिए बजट में लीक से हटकर कुछ फैसले लिए जाने की उम्मीद भी जताई। समीक्षा के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में कुछ धीमी पड़कर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि भारत दुनिया भर में आई असाधारण चुनौतियों का सामना करने में अन्य देशों से कहीं बेहतर स्थिति में है और दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आर्थिक समीक्षा अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में प्रचलित रुझानों को प्रभावी ढंग से पकड़ती है और उनका प्रभावी विश्लेषण करती है। उन्होंने कहा, सीआईआई को उम्मीद है कि समीक्षा में व्यक्त कुछ धारणाओं को बुधवार को पेश होने वाले आम बजट में जगह मिल जाए। फिक्की के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कि विकास गति जारी रखने के लिए सरकार की तरफ से पूरे साल सहयोग जारी रहने की जरूरत है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक मूल्यांकन करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वृद्धि और खपत बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में लीक से कुछ हटकर फैसले लेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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