Covid काल में जब्त अनुबंध राशि का 95 प्रतिशत MSMEs को लौटाने का निर्देश

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एमएसएमई इकाइयों के लिए विवाद से विश्वास योजना लाने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक कोविड काल में सरकारी ठेकों को पूरा करने में नाकाम रहने पर जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत उन्हें लौटा दिया जाएगा।

वित्त मंत्रालय ने एमएसएमई इकाइयों से कोविड काल की सरकारी निविदाओं में बोली की जमानत और जब्त की गई क्षतिपूर्ति राशि का 95 प्रतिशत हिस्सा लौटाने का सभी विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को सोमवार को निर्देश दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एमएसएमई इकाइयों के लिए विवाद से विश्वास योजना लाने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक कोविड काल में सरकारी ठेकों को पूरा करने में नाकाम रहने पर जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत उन्हें लौटा दिया जाएगा।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी करते हुए कहा कि 31 मार्च, 2022 तक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाई (एमएसएमई) के रूप में पंजीकृत सभी ठेकेदार एवं आपूर्तिकर्ता अनुबंध पूरा न कर पाने पर जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत रिफंड पाने के योग्य होंगे। यह राहत 19 फरवरी, 2020 से लेकर मार्च, 2022 तक पूरा होने वाले अनुबंध सौदों पर ही मिलेगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एमएसएमई इकाइयों को कोविड काल के अनुबंधों के संदर्भ में बड़ी राहत दी गई।

इस आदेश के तहत सभी विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को एमएसएमई की तरफ से बोली लगाने के लिए जमा की गई राशि और अनुबंध पूरा न कर पाने पर जब्त की गई क्षतिपूर्ति राशि लौटाने को कहा गया है। यह राहत निर्धारित अवधि में किसी भी विभाग, मंत्रालय, अनुषंगी कार्यालय, स्वायत्त निकाय, केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम, सार्वजनिक वित्तीय संस्थान की तरफ से एमएसएमई को सेवा एवं सामान की खरीद के लिए दिए गए अनुबंधों पर दी जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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