Amazon-Flipkart के खिलाफ की जाएगी जांच, कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

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गौरतलब है कि सीसीआई ने जनवरी 2020 में भारी छूट देने और कुछ कंपनियों के साथ तरजीही गठजोड़ कर सामान बेचने समेत अन्य कथित अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के जांच आदेश को रद्द करने की अमेजन और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज कर दी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर दोनों प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों के जांच के निर्देश दिए थे। न्यायधीश पी एस दिनेश कुमार ने यह आदेश देते हुए दोनों कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया।उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है, ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि जांच का निर्देश देने वाले आदेश के पीछे कोई वजह होनी चाहिये, जो कि आयोग पूरी करता है।’’ न्यायालय ने कहा,‘‘ऐसे में इन रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को बिना जांच परख के मान लिया जाना और इस स्तर पर जांच को रोकना नासमझी होगी। इसलिए मौजूदा आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।’’ न्यायालय ने यह भी कहा कि सीसीआई द्वारा दिया गया आदेश किसी भी न्यायिक प्रक्रिया में प्रवेश किए बिना एक प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

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गौरतलब है कि सीसीआई ने जनवरी 2020 में भारी छूट देने और कुछ कंपनियों के साथ तरजीही गठजोड़ कर सामान बेचने समेत अन्य कथित अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद कंपनियां जांच आदेश को निरस्त कराने के लिये उच्च न्यायालय पहुंची थी। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 14 फरवरी 2020 को सीसीआई के जांच आदेश में अंतरिम स्थगन दे दिया था लेकिन उसके बाद सीसीआई उच्चतम न्यायालय पहुंचा जहां शीर्ष अदालत ने 26 अक्टूबर 2020 को उसे उच्च न्यायालय जाने को कहा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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