जानें शशिधर जगदीशन के बारे में, लीलावती ट्रस्ट से वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करने वाले शीर्ष बैंकिंग अधिकारी

सूचना में कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारियों को "बेईमान व्यक्तियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्प्लेंडर जेम्स नामक डिफॉल्टर से लंबे समय से बकाया ऋण वसूलने की कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना है।" इस एफआईआर की कार्रवाई को एचडीएफसी बैंक ने दुर्भावनापूर्ण व निराधार बताया है।
देश की सबसे बड़ी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। ये एफआईआर मेहता परिवार ने 8 जून दर्ज करवाई है। ये जानकारी एक्सचेंज सूचना में भी दी गई है। सूचना के मुताबिक बैंक का कहना है कि बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को बेईमान व्यक्तियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।
सूचना में कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारियों को "बेईमान व्यक्तियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्प्लेंडर जेम्स नामक डिफॉल्टर से लंबे समय से बकाया ऋण वसूलने की कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना है।" इस एफआईआर की कार्रवाई को एचडीएफसी बैंक ने दुर्भावनापूर्ण व निराधार बताया है।
बता दें कि ये लड़ाई एचडीएफसी बैंक और मेहता परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण वाली लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के बीच की है। ये ट्रस्ट मुंबई स्थित प्रसिद्ध लीलावती अस्पताल की देखरेख करती है। इस ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन पर कई वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसने एचडीएफसी बैंक के बोर्ड, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्त मंत्रालय से कार्यकारी को सभी भूमिकाओं से निलंबित करने का आग्रह किया।
ट्रस्ट ने पूर्व बैंक कर्मचारियों, एचडीएफसी के सीईओ शशिधर जगदीशन को मिलकर कुल आठ लोगों पर वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। एचडीएफसी बैंक ने अपने बयान में बताया कि सार्वजनिक धन की वसूली के लिए कानूनी तरीकों का उपयोग करने के लिए भी तैयार है। बैंक ने साफ किया है कि इस मामले में मेहता परिवार की ओर से कोई भी जवाई कार्रवाई होगी तो उस पर भी ध्यान दिया जाएगा।
जानें कौन है शशिधर जगदीशन
बता दें कि शशिधर जगदीशन एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ है। उन्होंने वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान कार्यभार संभाला। इसके बाद वर्ष 2023 में आरबीआई ने उनके कार्यकाल को तीन वर्ष और बढ़ाने के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद 26 अक्टूबर, 2026 तक शशिधर जगदीशन इस पद पर बने रहेंगे।
शशि जगदीशन वर्ष 1996 से एचडीएफसी बैंक के साथ जुड़े हुए है। बैंक में वो मूल रूप से वित्त प्रभाग में प्रबंधक के रूप में जुड़े थे। वह 1999 में वित्त प्रमुख बने और उसके बाद 2008 में एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी बनाए गए। एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्ति से पहले, वह वित्त, मानव संसाधन, कानूनी और सचिवीय, प्रशासन, बुनियादी ढांचे, कॉर्पोरेट संचार और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यों की देखरेख के अलावा बैंक के समूह प्रमुख भी थे।
उन्हें 2019 में बैंक के “रणनीतिक परिवर्तन एजेंट” के रूप में नामित किया गया था। भौतिकी में स्नातक करने के बाद, जगदीशन ने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की, और फिर पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से भौतिकी में विज्ञान स्नातक की डिग्री और ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय से धन, बैंकिंग और वित्त के अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। वह भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान से चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं।
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