नकदी की कमी से दो तिमाही में वृद्धि दर होगी कम: HSBC

[email protected] । Jan 12 2017 2:32PM

देश की जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण चलन वाली प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है।

देश की जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण चलन वाली प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है। एचएसबीसी की रिपोर्ट में यह कहा गया है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पर्याप्त नोट की छपाई हुई है, ऐसे में वृद्धि सात प्रतिशत के दायरे में लौट आएगी। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के अनुसार सरकार का उच्च राशि की मुद्रा को चलन से हटाने तथा नये नोटों को चलन में लाने का वृहत अर्थव्यवस्था पर मिला-जुला प्रभाव पड़ सकता है।

एचएसबीसी ने एक शोध रिपोर्ट में कहा है, ‘‘जीडीपी की नकदी लोचशीलता का उपयोग करते हुए हमारा अनुमान है कि वृद्धि 2016-17 की तीसरी और चौथी तिमाही में करीब दो प्रतिशत कम हो सकती है। इसमें यह माना गया है कि चलन में नई मुद्रा की संख्या में दिसंबर की शुरूआत तक 60 प्रतिशत की कमी आयी है।’’ रिपोर्ट के मुताबिक कम-से-कम दो तिमाही में वृद्धि में कमी का मतलब है कि उत्पादन अंतर को पूरा होने में लंबा समय लगो और पहले से कमजोर निवेश चक्र को पटरी में आने में और समय लग सकता है। एचएसबीसी ने कहा कि दीर्घकालीन लाभ इसके आगे के सुधारों पर निर्भर करेगा। कालाधन में उल्लेखनीय रूप से कमी लाने के लिये सरकार को इसके (कालाधान) छिपाने के अन्य स्थानों (रीयल एस्टेट, सोना, विदेशी मुद्रा) पर कार्रवाई करनी होगी।

डिजिटल भुगतान के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बाधाओं को दूर करना चाहिए। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में कहा गया है कि अप्रैल में यह लागू नहीं होगा लेकिन इस साल इसके लागू होने की संभावना है।

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