लोकसभा ने जीएसटी कानून में संशोधन संबंधी चार विधेयकों को मंजूरी दी

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[email protected] । Aug 9 2018 7:00PM

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी को ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स’ (अच्छा एवं आसान कर) बनाने की दिशा में ये चार विधेयक महत्वपूर्ण हैं।

नयी दिल्ली। लोकसभा ने आज माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून में संशोधन संबंधी चार विधेयकों को मंजूरी दे दी। सदन से केंद्रीय माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक, समन्वित माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक तथा माल एवं सेवा कर राज्यों को मुआवजा संशोधन विधेयक 2018 पर चर्चा और वित्त मंत्री पीयूष गोयल के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से इन विधेयकों को मंजूरी दे दी। 

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी को ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स’ (अच्छा एवं आसान कर) बनाने की दिशा में ये चार विधेयक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है जब देश भारत छोड़ो आंदोलन दिवस मना रहा है। हम आज जीएसटी पर चर्चा कर रहे हैं। इसलिए इसे अधिक कर हटाओ दिवस के रूप में भी मनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम 125 करोड़ देशवासियों को जीएसटी से सशक्त बना रहे हैं। वस्त्र क्षेत्र की हर समस्या को जीएसटी परिषद ने हल कर दिया है। अब वस्त्र पहले की तुलना में और सस्ते होंगे। 

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के जरिए संघीय ढांचे को मजबूत करने का उदाहरण दूसरे देशों ने और विश्व ने आज देखा है। जीएसटी एक सामूहिक धरोहर है। इससे यह प्रदर्शित हुआ है कि केंद्र और राज्य साथ मिल कर काम कर सकते हैं। गोयल ने कहा कि 22 राज्यों को मुआवजे में 14 फीसदी वृद्धि सुनिश्चित की जा रही, जिससे उन्हें लाभ होगा। इन संशोधनों में संयुक्त उदग्रहण योजना (कंपोजिशन स्कीम) के तहत करदाताओं के पात्र होने की ऊपरी सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये करने, रिटर्न संबंधी त्रैमासिक विवरणी दायर करने की प्रक्रिया, रिटर्न की प्रक्रिया को सरल बनाने जैसे प्रावधान किये गए हैं। 

इन विधेयकों के संबंध में गोयल ने कहा कि जीएसटी एक नया कानून है जो दूरगामी प्रभाव वाला है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत कोशिश यह रही है कि उपभोक्ताओं पर बोझ कम पड़े। इस दिशा में लगातार लोगों की बातें सुनकर, समझकर और उन पर विचार किया जा रहा है। गोयल ने कहा कि एक साल में 384 वस्तुओं और 68 सेवाओं की दरों में कमी की गई है। लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने साथ मिल कर समायोजन (फिटमेंट) किया। इसके चलते पर्याप्त मात्रा में कर संग्रहण हुआ जो कि ऐतिहासिक है। 

इस पहल के तहत रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ‘सहज’ एवं ‘सुलभ’ नाम से एक पन्ने के फार्म पेश किये गए हैं। इसके साथ ही पांच करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले जीएसटी में पंजीकृत लोगों को तीन महीने में एक बार रिटर्न भरने की व्यवस्था की गई है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि प्रस्तावित केंद्रीय माल और सेवा विधेयक 2018 में अन्य बातों के अलावा पूर्ति के विस्तार को स्पष्ट करने के लिये अधिनियम की धारा 7 का संशोधन करने का उपबंध किया गया है। अधिनियम की धारा 10 में संशोधन करके संयुक्त उद्ग्रहण की सीमा को एक करोड़ रूपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये करने की बात कही गई है। अधिनियम की धारा 22 का संशोधन करके विशेष प्रवर्ग राज्यों में पंजीकरण के लिये छूट की सीमा को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने का प्रावधान किया गया है।

इसके तहत अधिनियम की धारा 25 में संशोधन करके करदाताओं को यह विकल्प प्रदान करने की व्यवस्था दी गई है कि वे समान राज्यों या संघ राज्य क्षेत्र में स्थित कारोबार के बहु स्थानों के लिये बहु पंजीकरण प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही विशेष आर्थिक जोन यूनिट या विकासकर्ता के लिये अलग पंजीकरण करने की व्यवस्था बनाई गई। इसके तहत अपील दायर करने की संदेय पूर्व जमा रकम की अधिकतम सीमा को 25 करोड़ रूपये तक नियत किया जा रहा है।

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