Maruti Suzuki को सेमीकंडक्टर की समस्या अभी बने रहने की आशंका

Maruti Suzuki
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एमएसई के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-के साथ बातचीत में कहा कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति अब भी एक समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली तिमाही में सेमीकंडक्टर की वजह से 46,000 इकाइयों का नुकसान उठाना पड़ा था।

नयी दिल्ली। देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का मानना है कि सेमीकंडक्टर की किल्लत अगली कुछ तिमाहियों तक बनी रह सकती है जिससे कुछ खास मॉडलों की आपूर्ति में विलंब और बढ़ जाएगा। एमएसई के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-के साथ बातचीत में कहा कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति अब भी एक समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली तिमाही में सेमीकंडक्टर की वजह से 46,000 इकाइयों का नुकसान उठाना पड़ा था। इस तिमाही में भी कुछ मॉडलों के लिए यह समस्या बनी हुई है।’’

मारुति सुजुकी के पास 3.69 लाख इकाइयों की बुकिंग लंबित है जिसमें अकेले एर्टिगा मॉडल की ही 94,000 इकाइयों की बुकिंग है। इसके अलावा ग्रांड विटारा और ब्रेजा जैसे लोकप्रिय मॉडलों की भी क्रमशः 37,000 और 61,500 से अधिक बुकिंग हैं। आधुनिक दौर के वाहनों में सेमीकंडक्टर चिपों का इस्तेमाल प्रमुखता से होता है। ऐसे में इन चिपों की उपलब्धता सुगम न होने से गाड़ियों की आपूर्ति भी नहीं हो पाती है। पिछले तीन वर्षों से सेमीकंडक्टर की उपलब्धता एक समस्या बनी हुई है। एमएसआई को सेमीकंडक्टर नहीं मिल पाने की समस्या आगे भी बने रहने की आशंका सता रही है।

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श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘यह अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल है कि हालात कब सामान्य हो पाएंगे। इसकी वजह यह है कि अभी ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि देश के यात्री वाहन बाजार में एसयूवी 42.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी भूमिका में आ चुका है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक यात्री वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 38.8 लाख इकाई तक जा सकता है जो अब तक का रिकॉर्ड होगा। पिछले वित्त वर्ष में 30.7 लाख यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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