AI पर मेटा का फोकस बढ़ा: Manus AI के साथ साझेदारी, 2-3 अरब डॉलर में अधिग्रहण, भविष्य की AI तकनीक पर पकड़

Meta
प्रतिरूप फोटो
Unsplash
Ankit Jaiswal । Dec 30 2025 9:33PM

मेटा ने AI स्टार्टअप मैनस का 2-3 अरब डॉलर में अधिग्रहण कर लिया है, जो AI क्षमताओं को बढ़ाने और पर्सनल AI एजेंट्स को एकीकृत करने की उसकी रणनीति का हिस्सा है। यह कदम वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा को तेज करेगा, खास तौर पर व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक और बड़ा सौदा सामने आया है। सोशल मीडिया और टेक दिग्गज कंपनी मेटा ने चीनी मूल के एआई स्टार्टअप “मैनस” को अधिग्रहित करने का ऐलान किया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब मेटा अपने प्लेटफॉर्म्स पर एडवांस्ड एआई क्षमताओं को तेजी से विस्तार देने की रणनीति पर काम कर रही है।

मौजूद जानकारी के अनुसार, इस डील की आधिकारिक राशि सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन इस सौदे से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सिंगापुर स्थित मैनस की वैल्यूएशन करीब 2 से 3 अरब डॉलर के बीच आंकी गई है। मेटा की ओर से कहा गया है कि मैनस की तकनीक को कंपनी के कंज़्यूमर और बिजनेस प्रोडक्ट्स, खासकर मेटा एआई में इंटीग्रेट किया जाएगा।

गौरतलब है कि मैनस इस साल की शुरुआत में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने खुद को दुनिया का पहला “जनरल एआई एजेंट” बताया था, जो बिना ज्यादा निर्देशों के खुद फैसले ले सकता है और टास्क पूरा कर सकता है। इस दावे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे काफी चर्चा मिली और चीनी सरकारी मीडिया ने भी इसकी सराहना की थी।

हालांकि, बाद में कंपनी ने अपने मुख्यालय को चीन से हटाकर सिंगापुर शिफ्ट कर लिया था। माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तकनीकी तनाव को देखते हुए उठाया गया। बता दें कि मैनस के उत्पाद फिलहाल चीन में उपलब्ध नहीं हैं और कंपनी ने पहले ही अलीबाबा के साथ एआई मॉडल डेवलपमेंट को लेकर साझेदारी कर रखी है।

मेटा के अनुसार, मैनस की टेक्नोलॉजी को खास तौर पर व्हाट्सऐप के स्मॉल और मीडियम बिजनेस नेटवर्क में इस्तेमाल किया जाएगा। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह डील मार्क जुकरबर्ग की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पर्सनल एआई एजेंट्स को रोजमर्रा के डिजिटल जीवन का हिस्सा बनाया जाना है।

इससे पहले मेटा ने इस साल डेटा लेबलिंग स्टार्टअप स्केल एआई में भी बड़ा निवेश किया था, जिसकी वैल्यूएशन करीब 29 अरब डॉलर तक पहुंची थी। इससे साफ है कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की रेस में पीछे रहने के मूड में नहीं है।

टेक इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि यह सौदा आने वाले समय में एआई सेक्टर की दिशा तय कर सकता है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को और तेज करेगा।

All the updates here:

अन्य न्यूज़