वाणिज्य मंत्रालय ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देगाः निर्मला

[email protected] । Oct 18 2016 4:55PM

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय वैश्विक बाजारों में ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिये संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श की योजना बना रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सीतारमण ने यह जानकारी दी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय वैश्विक बाजारों में ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिये संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श की योजना बना रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि न केवल निवेश आमंत्रित करने के लिये बल्कि वैश्विक बाजारों तक पहुंच बढ़ाने को लेकर देश के बाहर ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देना और उसका संरक्षण महत्वपूर्ण है। इससे घरेलू बाजार को भी मदद मिलेगी। उन्होंने यहां ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में एक समारोह में कहा, ‘‘हमारी इस बारे में एक दिन का विचार-विमर्श कराने की योजना है। दुनिया भर के लोग अपने विचार दे सकते हैं कि हमें भारतीय ब्रांड को विदेशों में बढ़ावा देने के लिये क्या करने की आवश्यकता है।’’

निर्मला ने कहा कि मंत्रालय भविष्य में ब्रांड अभियान के तौर-तरीकों के संदर्भ में आईबीईएफ (इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन) में बदलाव लाएगा। आईबीईएफ एक ट्रस्ट है जिसका गठन वाणिज्य विभाग ने किया है। इसका प्रमुख उद्देश्य विदेशी बाजारों में ‘मेड इन इंडिया’ मार्का को विदेशों में बढ़ावा देना तथा इसको लेकर लोगों को जागरूक करना तथा भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं बारे में जानकारी के प्रसार को सुगम बनाना है। सरकार की विनिर्माण क्षेत्र की 2025 तक हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की पहल के बारे में मंत्री ने कहा कि कारोबार को और सुगम बनाने और व्यापार सुगमीकरण के लिये तेजी से काम हो रहा है। भारत के निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के बारे में उन्होंने कहा कि मंत्रालय लाजिस्टिक लागत में कमी लाने तथा देश में माल की ढुलाई को सुचारू के लिये रेल मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है।

यह पूछे जाने पर कि आखिर भारतीय कंपनियां घरेलू बाजार में निवेश को लेकर क्यों सतर्क हैं, निर्मला सीमारमण ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारतीय कंपनियां सतर्क हैं लेकिन सतर्कता का समय खत्म हो गया है। उन्हें अब तेजी दिखानी चाहिए।’’ एसएमई और उनके वित्त पोषण मुद्दों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बैंकों से मामले में एसएमई के साथ गहन विचार-विमर्श करने की अपील की क्योंकि क्षेत्र में वृद्धि की काफी संभावना है। निर्मला ने कहा, ‘‘मैं बैंकों से अनुरोध करूंगी कि वे इस बात को समझे कि कैसे सतत रूप से एसएमई को वित्त पोषण किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि वे जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती को लेकर उनकी क्या अपेक्षा है, मंत्री ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अच्छी शुरूआती की है।’’ उन्होंने उद्योग मंडलों से एसएमई की सदस्यता बढ़ाने का अनुरोध किया क्योंकि इससे उनके साथ एक मंच पर बातचीत करना आसाना होगा। 

भारत में निवेश चक्र के बारे में मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ भारत में प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वियतनाम जैसे देश विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकषिर्त कर रहे है जबकि भारत के साथ ऐसा नहीं है, इस संदर्भ में प्रतिस्पर्धा पर गौर करने की जरूरत है।

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