किसानों को एक और गिफ्ट दे सकती है मोदी सरकार, वार्षिक कृषि कर्ज में कर सकती है बढ़ोतरी

NARENDRA MODI

आपको बता दें कि, सरकार वार्षिक कृषि कर्ज तय करती है। बात अगर पिछले कुछ सालों की करें तो यह कृषि ऋण लगातार बढ़ा है। 2017-18 में कृषि क्षेत्र के लिए दिए जाने वाला कर्ज 10 लाख करोड़ तय किया गया था लेकिन किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।

मोदी सरकार आने वाले बजट में किसानों को एक और तोहफा दे सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 1 फरवरी  को पेश होने वाले 2022 -23 के बजट में कृषि ऋण को बढ़ाकर लगभग 18 लाख करोड़ रुपये रुपये कर सकती है। सरकार के इस कदम से कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार साल दर साल कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लक्ष्य को बढ़ा रही है। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो, सरकार का कृषि ऋण लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये है। 2022-23 के बजट में सरकार इस कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 18 से 18.5 लाख कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि महीने के आखिरी हफ्ते में बजट को अंतिम रूप देते वक्त इसे भी तय किया जाएगा।

आपको बता दें कि, सरकार वार्षिक कृषि कर्ज तय करती है। बात अगर पिछले कुछ सालों की करें तो यह कृषि ऋण लगातार बढ़ा है। 2017-18 में कृषि क्षेत्र के लिए दिए जाने वाला कर्ज 10 लाख करोड़ तय किया गया था लेकिन किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2016-17 में भी 9 लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण तय किया गया था। लेकिन इस साल भी किसानों को उससे ज्यादा 10.66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।

 बढ़िया कृषि उत्पाद हासिल करने के लिए कर्ज को एक अहम निवेश माना जाता है। सूत्रों से बताया कि संस्थागत कर्ज किसानों को गैर संस्थागत स्रोतों से अलग करने में भी सहायता करेगा। गैर संस्थागत स्रोतों में किसान ज्यादा से ज्यादा ब्याज पर भी कर्ज लेने के लिए मजबूर होता है। वैसे तो कृषि कर्ज पर 9 प्रतिशत ब्याज लगता है। लेकिन सरकार अल्पकालिक फसल ऋण देने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सस्ती दर पर ब्याज देती है। इसके लिए वह ब्याज सबवेंशन भी देती है।

 सरकार द्वारा 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज को 7 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाता है। सरकार इस ब्याज पर भी दो प्रतिशत की सब्सिडी देती है। किसानों को समय पर कर्ज लौटाने के लिए इस ब्याज पर 3 प्रतिशत की छूट और दी जाती है। जिसके बाद यह ब्याज दर महज 4 प्रतिशत रह जाती है। ऐसे में अगर सरकार कृषि कर्ज के लक्ष्य को और बढ़ाती है तो इससे किसानों को लाभ होगा। किसान ज्यादा से ज्यादा कर्ज ले पाएंगे। आरबीआई ने भी छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज को बढ़ावा देने के लिए बिना कुछ गिरवी रखे मिलने वाले कृषि कर्ज की सीमा का 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है। 

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