मोदी का कहना है कि सरकार ने नए संस्थानों की स्थापना कर कौशल विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है

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उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को शिक्षा के साथ ही कौशल में भी समान रूप से दक्ष होना चाहिए, ताकि वर्तमान सदी को भारत की सदी बनाया जा सके। मोदी ने कहा कि पहले आईटीआई की स्थापना 1950 में की गई थी और इसके बाद सात दशक में देश में करीब 10,000 आईटीआई खोले गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने युवाओं के कौशल विकास और नए संस्थानों की स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को ‘‘कौशल, नवीन कौशल और अतिरिक्त कौशल’’ का मंत्र दिया और उन्हें बदलते समय के अनुरूप अपने कौशल को लगातार नया और अद्यतन करने को कहा। उन्होंने कहा कि देश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार 5,000 से अधिक नए ‘कौशल केंद्र’ खोलेगी।

आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के छात्रों के पहले दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश में प्रौद्योगिकी के आधुनिक होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘आपको भविष्य के अनुरूप अपने कौशल को भी अद्यतन करना होगा। इसलिए आपका मंत्र होना चाहिए ‘स्कीलिंग, रीस्कीलिंग और अपस्कीलिंग’। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने क्षेत्रों में घटनाक्रमों पर नजर रखना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को शिक्षा के साथ ही कौशल में भी समान रूप से दक्ष होना चाहिए, ताकि वर्तमान सदी को भारत की सदी बनाया जा सके। मोदी ने कहा कि पहले आईटीआई की स्थापना 1950 में की गई थी और इसके बाद सात दशक में देश में करीब 10,000 आईटीआई खोले गए। प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते आठ वर्ष में उनकी सरकार के कार्यकाल में करीब 5,000 नए आईटीआई खोले गए। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस अवधि में संस्थानों में चार लाख से अधिक सीटें जोड़ी गईं।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अनुभव आधारित शिक्षण को भी बढ़ावा दिया गया है। मोदी ने कहा, ‘‘आप सभी देख रहे हैं कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बिजली से चलने वाले वाहनों के क्षेत्रों में किस तरह अगुआ बना है। विभिन्न आईटीआई में इन क्षेत्रों से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने से रोजगार पाने के इच्छुक लोगों को सुविधा होगी।’’ उन्होंने कहा कि आईटीआई के नौ लाख से अधिक छात्रों के कौशल दीक्षांत समारोह के अवसर पर इतिहास रचा गया है।

इस दौरान 40 लाख से अधिक छात्र वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर अपने कौशल से छात्र नवाचार के पथ पर पहला कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आपकी शुरुआत जितनी सुखद है, आपकी यात्रा भी उतनी ही रचनात्मक होगी। पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से कई नयी योजनाओं की शुरुआत की है और कौशल विकास पर जोर देकर श्रमेव जयते की परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज आईटीआई में कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन से जुड़े कई कोर्स शुरू किए गए हैं। हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर उपलब्ध कराने और लाखों कॉमन सर्विस सेंटर खोलने के हाल के घटनाक्रमों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे देश में तकनीक का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईटीआई से पास हुए विद्यार्थियों के लिए गांवों में अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, गांव में मोबाइल मरम्मत का काम हो या कृषि में नई तकनीक का काम हो, खाद का छिड़काव हो या ड्रोन की मदद से दवाओं का छिड़काव हो, ऐसे कई नए रोजगार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें आईटीआई की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और हमारे युवाओं को इन संभावनाओं का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र इसी तरह के विजन को ध्यान में रखते हुए आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए लगातार काम कर रहा है। मोदी ने यह भी बताया कि आईटीआई से तकनीकी प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के लिए सेना में भर्ती के लिए विशेष प्रावधान हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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