एनसीएलएटी ने जिंदल स्टेनलेस को राठी सुपर स्टील के लिए बोली देने की इजाजत दी

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एनसीएलएटी ने कहा, ‘‘एनसीएलटी ने जिंदल स्टेनलेस स्टील (जेएसएल) की पेशकश पर गौर करके कुछ गलत नहीं किया है। कंपनी का आरंभिक प्रस्ताव 190 करोड़ रुपये का था और संशोधित प्रस्ताव 201 करोड़ रुपये का जो उस राशि से कहीं अधिक है जिसपर आवेदक को सफल बोलीदाता घोषित किया गया था।’’

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने जिंदल स्टेनलेस को कर्ज में डूबी राठी सुपर स्टील की नीलामी में भाग लेने की अनुमति के राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को बरकरार रखा है। एनसीएलएटी ने कहा, ‘‘एनसीएलटी ने जिंदल स्टेनलेस स्टील (जेएसएल) की पेशकश पर गौर करके कुछ गलत नहीं किया है। कंपनी का आरंभिक प्रस्ताव 190 करोड़ रुपये का था और संशोधित प्रस्ताव 201 करोड़ रुपये का जो उस राशि से कहीं अधिक है जिसपर आवेदक को सफल बोलीदाता घोषित किया गया था।’’

दरअसल, राठी सुपर स्टील के लिए रिमझिम इस्पात एंड सिनर्जी स्टील के 177.50 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध करते हुए आवेदन एनसीएलटी के पास भेजा गया था। इसके बाद जेएसएल ने 190 करोड़ रुपये की बोली दी। बाद में जेएसएल ने एनसीएलटी को आवेदन देकर राठी सुपर स्टील के लिए उसकी बोली पर विचार करने का अनुरोध किया था। उसने बोली स्वीकार होने के 90 दिन के भीतर 190 करोड़ रुपये के भुगतान की पेशकश दी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि एनसीएलटी ने रिमझिम इस्पात एंड सिनर्जी स्टील और जिंदल स्टेनलेस, दोनों को भागीदारी के लिए अवसर दिया। उसने कहा कि एनसीएलटी ने जिंदल स्टेनलेस के लिए 50 करोड़ रुपये जमा करने की शर्त भी रखी जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आदेश में कोई त्रुटि नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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