NCLT ने विक्रम बख्शी को मैकडॉनल्ड्स से मिली राशि पर हलफनामा देने को कहा

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राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मैकडॉनल्ड्स से अलग हो चुके भारतीय भागीदार विक्रम बक्शी से एक सप्ताह में सीपीआरएल में उनके शेयरों के लिए मिली राशि पर हलफनामा देने को कहा है। अमेरिका की फास्ट फूड श्रृंखला से निपटान के तहत बक्शी को यह राशि मिली है।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मैकडॉनल्ड्स से अलग हो चुके भारतीय भागीदार विक्रम बक्शी से एक सप्ताह में सीपीआरएल में उनके शेयरों के लिए मिली राशि पर हलफनामा देने को कहा है। अमेरिका की फास्ट फूड श्रृंखला से निपटान के तहत बक्शी को यह राशि मिली है। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने बक्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच हुए समझौते पर दाखिल हस्तक्षेप अपील पर सुनवाई करते हुए बक्शी की पत्नी मधुरिमा बक्शी से भी यह खुलासा करने को कहा है कि उन्हें इस निपटान के तहत कितनी राशि मिली है। 

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अपीलीय न्यायाधिकरण ने बक्शी को यह भी बताने को कहा है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने उनसे कितनी राशि की वसूली का आदेश दिया है। साथ ही उन्हें यह भी बताने को कहा गया है कि उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की हुडको को कितनी राशि दी है। हुडको बक्शी से 190 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये का दावा कर रही है। एनसीएलएटी ने कहा कि हलफनामे के आधार पर हम शायद यह निर्णय कर पाएंगे कि इस तथा अन्य के मैकडॉनल्ड्स इंडिया प्राइवेट लि.(एमआईपीएल) के साथ करार की अनुमति दी जाए। 

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बक्शी और एमआईपीएल ने कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट प्राइवेट लि. (सीपीआरएल) के प्रबंधन नियंत्रण को लेकर एक दूसरे खिलाफ दायर मामले को वापस लेने के लिए एनसीएलएटी में अपील की थी। सीपीआरएल उत्तर तथा पूर्वी भारत में मैकडॉल्ड्स श्रृंखला का परिचालन करती है। दोनों पक्षों का कहना था कि उन्होंने अदालत के बाहर मामला निपटा लिया है। हालांकि, आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) ने इस निपटान समझौते का विरोध करते हुए कहा था कि बक्शी और उनसे संबद्ध इकाइयों से उसे 194.98 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। डीआरटी ने भी बक्शी को यह राशि चुकाने को कहा है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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