Gujarat में विरोध के बाद नई जंत्री दरों को दो महीने के लिए टाला गया

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राज्य सरकार ने शनिवार को एक बयान में जंत्री की नई दर लागू करने के फैसले को 15 अप्रैल तक टालने की घोषणा की। उसने कहा कि यह फैसला राज्य में ‘रियल एस्टेट क्षेत्र और जनता के व्यापक हितों को देखते’ हुए लिया गया है।

गुजरात सरकार ने अचल संपत्तियों के वार्षिक मूल्यांकन की दरों (एएसआर) यानी जंत्री को दोगुना करने के अपने फैसले को बिल्डरों के विरोध को देखते हुए लगभग दो महीने के लिए टाल दिया है। राज्य सरकार ने शनिवार को एक बयान में जंत्री की नई दर लागू करने के फैसले को 15 अप्रैल तक टालने की घोषणा की। उसने कहा कि यह फैसला राज्य में ‘रियल एस्टेट क्षेत्र और जनता के व्यापक हितों को देखते’ हुए लिया गया है। राज्य सरकार ने गत पांच फरवरी से संपत्तियों की जंत्री दरों को दोगुना करने का निर्णय किया था।

लेकिन रियल एस्टेट डेवलपर गुजरात की संपत्तियों के एएसआर में भारी उछाल के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने एक बयान में कहा, “मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में जंत्री दरें बढ़ाई थीं। अब इन्हें 15 अप्रैल, 2023 से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार, चार फरवरी, 2023 को घोषित जंत्री दरों में वृद्धि को टाल दिया गया है और ये दरें 15 अप्रैल से लागू होंगी।”

एएसआर अचल संपत्तियों की खरीद-बिक्री के दौरान वसूले जाने वाले स्टाम्प शुल्क की गणना का दिशानिर्देश देता है। राज्य में अचल संपत्तियों की ‘दरों के वार्षिक विवरण’ (एएसआर) यानी जंत्री की मदद से स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क की गणना की जा सकती है। राज्य सरकार ने 12 साल बाद अचल संपत्तियों के मूल्यांकन की दरों को बदला है। विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की स्थिति में एएसआर को मुआवजा देने के लिए आधार माना जाएगा। अगर किसी क्षेत्र में जंत्री दर इस समय 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर है तो नए नियम के तहत वह 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो जाएगी।

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