पीएलआई से अब तक 45,000 करोड़ रुपये का निवेशः NITI Aayog CEO
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी परमेश्वरन अय्यर ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने करीब दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन से 14 क्षेत्रों में विनिर्माण बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में पीएलआई योजना शुरू की थी।
घरेलू विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने 45,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश आकर्षित करने के साथ तीन लाख करोड़ रुपये रोजगार अवसर भी पैदा किए हैं। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी परमेश्वरन अय्यर ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने करीब दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन से 14 क्षेत्रों में विनिर्माण बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में पीएलआई योजना शुरू की थी। इन क्षेत्रों में वाहन एवं कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, दवा, कपड़ा, खाद्य उत्पाद और विशिष्ट इस्पात शामिल हैं।
अय्यर ने पीटीआई-के साथ बातचीत में कहा कि पीएलआई योजना के नतीजे दिखने शुरू हो गए हैं और अब तक प्रोत्साहन के तौर पर इन कंपनियों को 800 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि मार्च अंत तक यह प्रोत्साहन राशि 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। नीति आयोग के सीईओ ने कहा, यह योजना कारगर साबित हो रही है। पहले ही करीब 45,000 करोड़ रुपये के निवेश इस योजना के तहत आ चुके हैं। इससे तीन लाख रोजगार पैदा हुए हैं और दो लाख करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन भी हो चुका है।
इस योजना के तहत भारत में विनिर्मित उत्पादों की क्रमिक बिक्री पर तीन से पांच साल तक कंपनियों को नकद प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तहत चिह्नित कंपनियों को भारत में एक न्यूनतम राशि का निवेश करना होता है। राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) कार्यक्रम के बारे में पूछे गए एक सवाल पर अय्यर ने कहा कि सरकारी परिसंपत्तियों को पट्टे एवं किराये पर देने की यह योजना अब काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इसे राज्यों तक भी ले जाया जाएगा।
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