खरमास में करें ये 5 खास उपाय, बदल जाएगी किस्मत, दूर होंगे सभी दुख और बाधाएं

Kharmas 2025
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खरमास 2025-26 की अवधि, 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक, शुभ कार्यों के बजाय पूजा-पाठ, दान-पुण्य और आत्मचिंतन के लिए विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है, जिससे कष्ट दूर होकर सूर्य और विष्णु देव की कृपा प्राप्त होती है। इस दौरान गरीबों को अन्न, धन, दाल, कपड़े और पीली वस्तुओं का दान करने से धन-वैभव में वृद्धि के साथ-साथ घर की सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है।

हिंदू धर्म में खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2025 से हो चुकी है और इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा। धनु राशि बृहस्पति की राशि है, जो ज्ञान के कारक हैं। इसलिए खरमास के दौरान बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए यह और भी खास माना जाता है। इस दौरान आपको कुछ विशेष कार्यों द्वारा सूर्य देव की भी कृपा की प्राप्ति होती है। अभी खरमास चल रहा है, तो आप इन चीजों को जरुर करें।

जरूर करें ये काम

खरमास के दौरान पूजा-पाठ, जप-तप, दान-पुण्य, व्रत, आत्मचिंतन और सेवा-भाव के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद शुभ मानी जाती है। इस दौरान आप श्री विष्णु के मंत्रों का जप करें, विष्णु सहस्त्रनाम, सत्यनारायण कथा और भागवत पाठ करना भी विशेष फलदाई मानी जाती है।

इसके साथ ही, इस समय देवी तुलसी के मंत्रों का भी जाप करना बेहद लाभ दायक माना जाता है। इस दौरान तीर्थ स्थानों पर यात्रा करना बेहद शुभ होता है। ऐसा करने से आपको आध्यात्मिक पुण्य फल का प्राप्त होता है।

इन चीजों का दान

खरमास के दौरान किसी गरीब और जरुरतमंद लोगों को अन्न और धन का दान करना बेहद लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा, खड़े मूंग या मसूर की दाल, लाल कपड़े, काले चने का दान करने से आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। आप चाहे तो पीतल या फिर स्टील के बर्तनों का दान करना भी काफी शुभ होता है। खरमास में पीली रंग की चीजें जैसे कि केला, चने की दाल, हल्दी पीली मिठाई और पीले रंग के वस्त्रों का दान करें। ऐसा करने से धन-वैभव में वृद्धि के योग बनने लगते हैं।

बढ़ेगी पॉजिटिव एनर्जी

खरमास के दौरान घर और पूजा स्थान की स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय मंदिर, घर के मुख्य प्रवेश द्वार और तुलसी के पौधे के पास दीपक प्रज्वलित करने से वातावरण में सकारात्मकता फैलती है। साथ ही इस अवधि में पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान करना विशेष फलदायी होता है, जिससे पितरों का आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। इन धार्मिक और शुभ कार्यों के प्रभाव से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं तथा सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।

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