तेल, गैस कंपनियों से जुड़े विलय को सीसीआई की मंजूरी से छूट
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों से जुड़े विलय और अधिग्रहण सौदों को प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी प्राप्त करने से छूट दी गई है।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों से जुड़े विलय और अधिग्रहण सौदों को प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी प्राप्त करने से छूट दी गई है। एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गई। सरकारी स्वामित्व वाली तेल और गैस कंपनियों के बीच प्रस्तावित एकीकरण और हिस्सेदारी खरीद के बाद कारपोरेट कार्य मंत्रालय की ओर से इस तरह की छूट दी गई है। जुलाई में मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति (सीसीईए) ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को बेचने को मंजूरी दी थी।
मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोलियम अधिनियम 1934 के तहत तेल और गैस क्षेत्रों में परिचालन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से संबंधित संयोजनों के सभी मामलों को सीसीआई की मूंजरी से पांच साल के लिए छूट दी गई है। इस महीने 22 तारीख को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि तेल और गैस क्षेत्रों में परिचालन करने वाली "पूर्ण-या आंशिक स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों पर भी यह छूट लागू होगी।" नियमों के तहत, एक निश्चित सीमा से परे संयोजन या सौदों के लिए सीसीआई से अनुमोदन लेने की जरुरत होती है। इस साल की शुरूआत में मंत्रालय ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय को सीसीआई की अनुमति लेने से छूट दी थी।
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