पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर विपक्ष ने केन्द्र सरकार को घेरा

Oppn Slams BJP for ‘Fleecing’ Indians as Fuel Prices Rise Again
[email protected] । May 21 2018 4:19PM

विपक्षी दलों ने पेट्रोल डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के लिये केन्द्र सरकार पर हमले तेज करते हुये तेल पूल के घाटे की भरपायी जनता की जेब से करने का आरोप लगाया है।

नयी दिल्ली। विपक्षी दलों ने पेट्रोल डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के लिये केन्द्र सरकार पर हमले तेज करते हुये तेल पूल के घाटे की भरपायी जनता की जेब से करने का आरोप लगाया है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पिछले सात दिनों से पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि को कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुये कहा है कि चुनाव खत्म होते ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों की दैनिक समीक्षा शुरू कर दी है। येचुरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुये पूछा ‘‘चुनाव से पहले 19 दिन तक कीमतें स्थिर रहीं, उस दौरान कीमत में बढ़ोतरी को क्यों रोका गया और अब इजाफा क्यों शुरू कर दिया गया?’’ उन्होंने इसे केन्द्र सरकार का जनता से छल बताते हुये कहा कि तेल की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने की दलील गलत साबित हुयी। येचुरी ने ट्वीट कर कहा ‘‘आसमान छूती पेट्रोल डीजल की कीमतों का बोझ आम आदमी पर पड़ रहा है और बड़े उद्योगपतियों को मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपये की रियायत दे रही है।’’।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पेट्रोल डीजल की कीमत में इजाफे को कर्नाटक में भाजपा द्वारा सरकार बनाने में नाकाफी से उपजी खीज का परिणाम बताया। 

अखिलेश ने ट्वीट कर कहा ‘‘सरकार कर्नाटक चुनाव तक पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं बढ़ा रही थी लेकिन परिणाम पलटते ही इनके दामों में रिकार्डतोड़ बढ़ोत्तरी कर जनता की कमर तोड़ दी गयी है।’’ ।उन्होंने इसे निंदनीय बताते हुये कहा ‘‘क्या जनता को सरकार के ख़िलाफ जाने की सज़ा दी जा रही है। लगता है अब सत्ताधारी दल जनता से भी बदले की भावना से पेश आ रहे हैं।’’ वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने पिछले चार सालों में तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार से पूछा है कि आखिर सरकार तेल पूल का घाटा जनता की जेब से क्यों पूरा कर रही है। यादव ने कहा ‘‘मौजूदा सरकार के सत्ता में आने से पहले तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत आज की तुलना में आधी से भी कम थी जबकि अब पेट्रोल डीजल के दाम अब तक के सर्वाधिक स्तर पर हैं।’’ उन्होंने ट्वीट कर केन्द्र सरकार को नसीहत देते हुये कहा ‘‘सरकार को अपना वित्तीय घाटा पूरा करने के बजाय तेल की कम अंतरराष्ट्रीय कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को देना चाहिये।’’ उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 19 दिनों तक पेट्रोल डीजल की कीमत स्थिर रहने के बाद चुनाव खत्म होते ही पिछले सप्ताह तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस कारण से पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमत अब तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गयी है।

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