प्रधानमंत्री ने हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को दिखायी हरी झंडी

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यात्रियों के अतिरिक्‍त आराम के लिये डिब्‍बों में गर्मी और ध्‍वनि से बचाव की विशेष व्‍यवस्‍था की गयी है। कार्बन फुटप्रिंट रोकने के लिए रेल गाड़ी में री-जेनरेटिव ब्रेक प्रणाली लगायी गयी है, जिससे 30 प्रतिशत बिजली की बचत होगी।

नयी दिल्ली। पुलवामा आतंकवादी हमलों की पृष्ठभूमि में गमगीन माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को शुक्रवार नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखायी। इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे और वे भी ट्रेन के उद्घाटन सफर का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली से वाराणसी की अपनी पहली यात्रा पर आज रवाना हुई वंदे भारत एक्सप्रेस के डिजाइनरों और इंजीनियरों का मैं आभारी हूं। पिछले साढ़े चार साल में अपनी ईमानदारी और कड़ी मेहनत से हमने रेलवे को सुधारने का प्रयास किया है।’’यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी का सफर नौ घंटे और 45 मिनट में पूरा करेगी। इसमें कानपुर और इलाहाबाद में 40-40 मिनट का ठहराव का समय भी शामिल है, जहां विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।

प्रधानमंत्री ने ट्रेन का जायजा लिया और कहा कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 18 महीने में इस तरह की ट्रेन का स्वदेशी रूप से निर्माण किया गया। सेमी हाई स्पीड ‘ट्रेन 18’ का नाम हाल में ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ रखा गया। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकती है और इसमें शताब्दी ट्रेनों जैसी यात्री श्रेणी लेकिन बेहतर सुविधाएं हैं। इसका उद्देश्य यात्रियों को बिल्कुल नया यात्रा अनुभव प्रदान करना है।ट्रेन के लिये टिकट की बुकिंग शुरू हो गयी है और आम जनता के लिये यह ट्रेन 17 फरवरी से दिल्ली से वाराणसी के बीच सप्ताह में पांच दिन चला करेगी। इसमें 16 वातानुकूलित कोच हैं जिनमें दो एक्जीक्यूटिव श्रेणी के हैं। ट्रेन में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। कोचों और ड्राइविंग कोच में सीटों के नीचे बिजली के सभी उपकरणों को रखने के कारण इस ट्रेन में उतनी संख्या की कोच वाली परंपरागत शताब्दी रेकों से कहीं अधिक सीटें है।

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सभी कोच में स्वचालित दरवाजे, जीपीएस आधारित दृश्य-श्रव्य यात्री सूचना प्रणाली, मनोरंजन के उद्देश्य से ट्रेन के अंदर हॉटस्पॉट वाईफाई और बेहद आरामदायक सीटें हैं। सभी शौचालय बायो-वैक्यूम किस्म के हैं। डिब्‍बों में दो प्रकार की प्रकाश सुविधा दी गयी है, एकसभी यात्रियों के लिये सामान्‍य प्रकाश की सुविधा और हर सीट पर अलग से प्रकाश की व्‍यवस्‍था भी है। यात्रियों को गर्मा गर्म भोजन और शीतल पेय पदार्थ परोसने के लिये हर कोच में पैंट्री (रसोई) की व्यवस्था है। यात्रियों के अतिरिक्‍त आराम के लिये डिब्‍बों में गर्मी और ध्‍वनि से बचाव की विशेष व्‍यवस्‍था की गयी है। कार्बन फुटप्रिंट रोकने के लिए रेल गाड़ी में री-जेनरेटिव ब्रेक प्रणाली लगायी गयी है, जिससे 30 प्रतिशत बिजली की बचत होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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