बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से जारी, 4.79 करोड़ के लिए निविदा विभिन्न चरणों में

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ANI Twitter.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2023 तक 10 करोड़ और 2025 तक 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। रावल के अनुसार, अबतक देश में ईईएसएल की परियोजना के तहत करीब 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। वैसे अबतक विभिन्न माध्यमों से कुल 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं।

नयी दिल्ली|  एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) और राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष (एनआईआईएफ) के संयुक्त उद्यम इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि. ने बुधवार को कहा कि देश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से जारी है और 4.79 करोड़ ऐसे मीटरों के लिये निविदा विभिन्न चरणों में है

। बिजली वितरण कंपनियों के लिये प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराने वाली कंपनी स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी) के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उठा रही है।

इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनिल रावल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से जारी है। असम, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में 4.79 करोड़ स्मार्ट मीटर के लिये निविदा जारी की गई है, जो फिलहाल विभिन्न चरणों में है।’’

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2023 तक 10 करोड़ और 2025 तक 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। रावल के अनुसार, अबतक देश में ईईएसएल की परियोजना के तहत करीब 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। वैसे अबतक विभिन्न माध्यमों से कुल 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। जिन राज्यों में स्मार्ट मीटर निविदा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं, वे हैं...असम (26.2 लाख), जम्मू-कश्मीर (6.2 लाख), महाराष्ट्र (10 लाख), बिहार (15 लाख), उत्तर प्रदेश (2.67 करोड़) और अन्य राज्य (20 लाख)। रावल ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली बिल की वसूली बेहतर होगी। साथ ही खपत आंकड़ों के सटीक विश्लेषण से वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी सुधरेगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक माहौल में स्मार्ट मीटर के विनिर्माण पर असर पड़ा है। इसका कारण रूस-यूक्रेन संकट के कारण इसमें उपयोग होने वाले कलपुर्जों के आयात का प्रभावित होना है।

एक अन्य सवाल के जवाब रावल ने कहा कि लोगों के स्तर पर स्मार्ट मीटर को लेकर झिझक जरूर है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बिजली बिल अधिक आता है। हालांकि, यह सही नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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