डेटा उपलब्धता, नवप्रवर्तन और गोपनीयता के लिए उचित संतुलन जरूरी: प्रसाद

Proper balance required for data availability, innovation and privacy: Prasad
[email protected] । Apr 19 2018 6:42PM

मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण (उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति डेटा संरक्षण रूपरेखा बना रही है। जल्द हमारे पास एक मजबूत डेटा संरक्षण कानून होगा।

नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि नए डेटा संरक्षण कानून को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रसाद ने जोर देकर कहा कि भारत को डेटा उपलब्धता , नवप्रवर्तन और गोपनीयता के मुद्दों पर उचित संतुलन कायम करने की जरूरत है। प्रसाद ने यहां माइंडमाइन सम्मेलन में कहा, ‘‘देश साइबर कानूनों और डेटा संरक्षण ढांचे को मजबूत करने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। भारत डेटा विश्लेषण का बड़ा केंद्र बनने का आकांक्षी है। हम ढांचा बना रहे हैं .... साइबर कानूनों को सुधारा जा रहा है, साइबर प्रशिक्षण और साइबर फॉरेंसिक पर ध्यान दिया जा रहा है।’’ 

मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण (उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति डेटा संरक्षण रूपरेखा बना रही है। जल्द हमारे पास एक मजबूत डेटा संरक्षण कानून होगा। उन्होंने कहा कि डेटा उपलब्धता, डेटा नवप्रवर्तन, डेटा गोपनीयता और निजता पर उचित संतुलन बैठाने की जरूरत है। हमें देश में कारोबार सुधारने के लिए डेटा की जरूरत है लेकिन डेटा गोपनीयता , उद्देश्यपूर्ण और सहमति से लिया जाना चाहिए।’’ प्रसाद का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि डेटा गोपनीयता का मुद्दा वैश्विक स्तर पर चर्चा में है। 

पिछले कुछ सप्ताहों अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक को डेटा लीक मामले को लेकर दुनिया भर की सरकारों तथा प्रयोगकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी है। करीब आठ करोड़ फेसबुक प्रयोगकर्ताओं के डेटा का डेटा विश्लेषक और राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा इस्तेमाल किया गया। दुनिया भर में इसको लेकर कैंब्रिज एनालिटिका की आलोचना हो रही हे। भारत सरकार ने डेटा चोरी मामले में दोनों कंपनियों से सवाल किए हैं। 

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