Budget में समाचार एजेंसियों के लिए आयकर छूट खत्म करने का प्रस्ताव

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प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) एक समाचार एजेंसी है और अगर इस बजट प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो उसपर भी इसका असर पड़ेगा। बजट के वित्त विधेयक में आयकर अधिनियम की धारा 10 के खंड 22बी में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट पेश करते हुए समाचार एजेंसियों की आयकर छूट खत्म करने का प्रस्ताव रखा। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) एक समाचार एजेंसी है और अगर इस बजट प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो उसपर भी इसका असर पड़ेगा। बजट के वित्त विधेयक में आयकर अधिनियम की धारा 10 के खंड 22बी में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।

इसके तहत अधिसूचित समाचार एजेंसियों को आयकर भुगतान से छूट प्राप्त है, बशर्ते संगठन अपनी आय केवल समाचारों के संग्रह एवं वितरण पर खर्च करता हो और उसे अपने सदस्यों के बीच वितरित नहीं करता हो। वित्त विधेयक के प्रावधानों की व्याख्या करने वाले ज्ञापन में कहा गया है कि समाचार एजेंसियों को मिली कर छूट को हटाने का कदम आयकर अधिनियम के तहत छूट और कटौती को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की सरकार की घोषित नीति के अनुरूप है।

इसके मुताबिक, अधिनियम की धारा 10 के खंड 22बी के तहत समाचार एजेंसियों को मिली छूट को आकलन वर्ष 2024-25 से वापस लेने का प्रस्ताव है। कई समाचार पत्रों के साझा स्वामित्व वाली पीटीआई को इस खंड के तहत आकलन वर्ष 1994-95 से आयकर छूट मिलती रही है। इसकी वजह यह है कि पीटीआई अपने शेयरधारकों को कोई लाभांश नहीं देती है और यह एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में काम करती है। कंपनी की सभी आय का इस्तेमाल समाचार संग्रह के लिए ही किया जाता है। यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) को भी आयकर छूट मिली हुई है क्योंकि यह समाचार एजेंसी भी इसी सिद्धांत पर काम करती है।

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