Punjab की वित्त आयोग से विशेष पैकेज, करों में राज्यों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग

16वें वित्त आयोग से पंजाब सरकार ने 1.32 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। प्रदेश सरकार ने कहा कि सीमावर्ती राज्य को देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने तथा इस मामले में स्वतंत्रता प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में उसके अपार योगदान के लिए ‘पुरस्कृत’ किया जाना चाहिए।
चंडीगढ़ । पंजाब सरकार ने सोमवार को 16वें वित्त आयोग से 1.32 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। प्रदेश सरकार ने कहा कि सीमावर्ती राज्य को देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने तथा इस मामले में स्वतंत्रता प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में उसके अपार योगदान के लिए ‘पुरस्कृत’ किया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने यह भी मांग की कि राज्यों को केंद्र द्वारा एकत्र किए गए करों का 50 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए, जबकि वर्तमान में यह 41 प्रतिशत है। 16वां वित्त आयोग (एफसी) के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया अपनी टीम के साथ पंजाब का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वित्त आयोग हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ भी गया था।
हर पांच साल में गठित होने वाले आयोग का कार्य केंद्र और राज्यों के बीच केंद्रीय करों के वितरण के अनुपात के लिए सिफारिशें करना है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक के दौरान राज्य के लिए विशेष पैकेज की जोरदार वकालत की। मान ने 1,32,247 करोड़ रुपये की मांग की, जिसमें विकास के लिए 75,000 करोड़ रुपये, कृषि और फसल विविधीकरण के लिए 17,950 करोड़ रुपये, पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए 5,025 करोड़ रुपये, नार्को आतंकवाद और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए 8,846 करोड़ रुपये और उद्योग पुनरोद्धार के लिए 6,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
मान ने बयान में कहा कि शहरी स्थानीय निकायों को 9,426 करोड़ रुपये और ग्रामीण स्थानीय निकायों को 10,000 करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए। मान ने जोर देकर कहा कि देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने, उसे स्वतंत्र बनाने और उसे बनाए रखने में पंजाब के अपार योगदान के कारण राज्य को एक विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाबियों ने पहले ही दुनिया के हर देश में अपनी एक अलग पहचान बना ली है और यह पैकेज राज्य के आर्थिक विकास को और गति देगा।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त आयोग राज्य सरकार की वास्तविक मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा और पंजाब को उदारतापूर्वक धन आवंटित करेगा। इस बीच, मीडिया से बात करते हुए पनगढ़िया ने कहा कि मान ने आर्थिक और वित्तीय मोर्चों पर पंजाब का सामान्य अवलोकन दिया। राज्य के वित्त सचिव ने पंजाब के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की, कि कैसे राज्य की आर्थिक वृद्धि सभी राज्यों में औसत वृद्धि की तुलना में धीमी रही है। पनगढ़िया ने कहा, ‘‘वित्त आयोग का मुख्य कार्य इस बारे में सिफारिशें करना है कि केंद्रीय कर, जो साझा करने योग्य हैं, को पहले केंद्र और 28 राज्यों के बीच कैसे विभाजित किया जाना चाहिए।
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