चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान: फिक्की
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उद्योग मंडल फिक्की ने यह बात कही।
नयी दिल्ली। देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उद्योग मंडल फिक्की ने यह बात कही। पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी करने वाला है।
फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है। फिक्की का यह सर्वे अर्थशास्त्रियों की राय पर आधारित है। फिक्की ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह न्यूनतम 6.9 प्रतिशत और अधिकतम 7.5 प्रतिशत रह सकती है।
फिक्की के सर्वे में विदेश में घटनाक्रमों पर कुछ चिंता जताई गई है। इसमें 2018-19 में औसत चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम सबसे बड़ा जोखिम है। इसके अलावा कमजोर रुपये की वजह से आयात पर दबाव बढ़ सकता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि साल के शेष हिस्से में भी रुपया दबाव में रह सकता है। फिक्की के अनुसार अर्थशास्त्रियों में इसको लेकर एकमत है कि व्यापार युद्ध की वजह से भारत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है।
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