रेल बजट का जोर सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास पर होगा

सरकार के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए जेटली इस बार रेल बजट को अलग से पेश की जाने वाली 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करेंगे। इस साल यह आम बजट का ही हिस्सा होगा।

हाल ही में ट्रेनों के पटरी से उतरने के कई भीषण हादसों का सामना करने वाली रेलवे के लिए 20,000 करोड़ रुपये का सुरक्षा कोष, नयी पटरियां बिछाना, स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ रेल विकास प्राधिकरण और उच्च गति रेल प्राधिकरण का गठन इस साल रेल बजट का हिस्सा हो सकता है। पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली रेल बजट पेश करेंगे। गौरतलब है कि इस साल रेल बजट का आम बजट में विलय कर दिया गया है।

सरकार के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए जेटली इस बार रेल बजट को अलग से पेश की जाने वाली 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करेंगे। इस साल यह आम बजट का ही हिस्सा होगा जिसमें अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट में रेलवे के लिए वित्त, परियोजनाओं और प्रारूप को लेकर कुछ पैराग्राफ होंगे। जेटली बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे सकते हैं जिसमें नयी रेल लाइनों का विकास, लाइनों का दोहरीकरण, स्टेशनों का पुनर्विकास और सुरक्षा उन्नयन शामिल है। सूत्रों के अनुसार हाल में ट्रेनों के पटरियों से उतरने की कई घटनाओं के बाद एक लाख करोड़ रुपये के सुरक्षा कोष का अलग से प्रावधान इस बार के बजट में किया जा सकता है। यह अगले पांच साल के लिए होगा जिसमें 20,000 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2017-18 के लिए होंगे।

रेलवे अपने 92 प्रतिशत के परिचालन अनुपात लक्ष्य से भी चूक जाएगा जिसके 94 से 95 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। बजट 2017-18 में रेल विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की जा सकती है जो इसके लिए विनियामक का काम करेगा। इसके अलावा उच्च गति रेल प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक एवं अन्य निदेशकों के चयन के साथ इस प्राधिकरण के गठन की भी घोषणा किए जाने की संभावना है। बजट में गैर-किराया राजस्व बढ़ाने के उपायों पर भी ध्यान दिया जा सकता है जिसमें खाली पड़ी भूमि का उपयोग और निजी भागीदारी के साथ स्टेशनों का पुनर्विकास शामिल है।

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