रिजर्व बैंक ने बड़े शहरी सहकारी बैंकों से मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने को कहा

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को सभी बड़े शहरी सहकारी बैंकों से मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने और नियामकीय नियमों के अनुपालन को लेकर निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ नीति लाने को कहा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को सभी बड़े शहरी सहकारी बैंकों से मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने और नियामकीय नियमों के अनुपालन को लेकर निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ नीति लाने को कहा। आरबीआई के निर्देश के अनुसार जिन शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की जमा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है (टियर-4 यूसीबी), उन्हें एक अप्रैल, 2023 तक निर्देशों का अनुपालन करना होगा। जबकि जिनकी जमा 1,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक (टियर-तीन यूसीबी) हैं, उन्हें एक अक्टूबर, 2023 तक का समय दिया गया है।

केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि नियमों का अनुपालन सही तरीके से नहीं होने से यूसीबी को विभिन्न स्तरों पर जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, कंपनी संचालन ढांचे में अनुपालन कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए शहरी सहकारी बैंकों में अनुपालन कार्यों के लिये कुछ सिद्धांतों, मानकों और प्रक्रियाओं को शुरू करने का निर्णय किया गया है। आरबीआई ने कहा, ‘‘अनुपालन से जुड़े कार्य यूसीबी के लिए सभी वैधानिक और नियामकीय आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे।"

इसमें हितों के टकराव का प्रबंधन, ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करना आदि शामिल है। परिपत्र के अनुसार, यूसीबी को निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ अनुपालन नीति लानी चाहिए जिसमें अनुपालन अधिकारी की भूमिका समेत अनुपालन से संबंधित सभी चीजें शामिल हों। इसमें कहा गया है कि अनुपालन अधिकारी को न्यूनतम तीन साल की अवधि के लिये नियुक्त किया जाना चाहिए। नीति की समीक्षा साल में कम-से-कम एक बार करनी होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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