भारत को भुगतान उत्पादों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की जरूरत: RBI Governor Das

Governor Das
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दास ने यहां भुगतान प्रणाली परिचालक (पीएसओ) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के स्वदेशी भुगतान उत्पाद जैसे - यूपीआई और रुपे नेटवर्क अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ा रहे हैं और इनसे सीमा पार भुगतान आसान होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को भुगतान उत्पादों के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर भारत की ई-भुगतान कहानी को बताने और यूपीआई तथा रूपे जैसे भुगतान उत्पादों के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए करना चाहिए। दास ने यहां भुगतान प्रणाली परिचालक (पीएसओ) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के स्वदेशी भुगतान उत्पाद जैसे - यूपीआई और रुपे नेटवर्क अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ा रहे हैं और इनसे सीमा पार भुगतान आसान होगा। 

उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक के भुगतान विजन 2025 के तहत, हम ई-भुगतान सभी के लिए, हर जगह, हर वक्त के ध्येय के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें अपने भुगतान उत्पादों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए। यह एक नयी दुनिया खोलेगा। हमारे देश के लिए अवसर तैयार होंगे। यह जी20 की भारत कीअध्यक्षता का साल है।

आइए हम भारत की कहानी पूरी दुनिया को बताएं। गवर्नर ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से वैश्विक प्रणाली के साथ जुड़ने के साथ ही सीमा पार भुगतान अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि यूपीआई और रूपे नेटवर्क जैसे हमारे घरेलू भुगतान उत्पाद अपनी वैश्विक पहुंच बढ़ा रहे हैं। सिंगापुर के पेनाउ के साथ यूपीआई को जोड़ने की शुरुआत इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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