कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल ने क्रेडिट सुइस के PFL में हिस्सेदारी बेचने पर जताई आपत्ति

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रिलायंस मीडियावर्क्स फाइनेंशियल सर्विसेज ने शेयर बाजार को अलग से दी सूचना में कहा कि कंपनी ने बाजार नियामक सेबी से इस मामले में जांच का आग्रह किया है और क्रेडिट सुइस को प्राइम फोकस के शेयर बेचने पर तत्काल पाबंदी लगाने का आग्रह किया है।

नयी दिल्ली। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल ने सोमवार को प्राइम फोकस लि. (पीएफएल) में क्रेडिट सुइस द्वारा 33.12 प्रतिशत हिस्सेदारी पीएफएल के प्रवर्तक समूह को 44.15 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बेचे जाने के प्रस्ताव को लेकर आपत्ति जतायी। अनिल अंबानी के रिलांयस समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने एक बयान में आरकैप समूह के साथ कुछ ऋण समझौतों के तहत प्रस्तावित सौदे को क्रेडिट सुइस द्वारा कथित अधिकार का स्पष्ट रूप से उल्लंघन बताया। हालांकि, रिलायंस कैपिटल ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि यह कथित अधिकारों का दुरूपयोग किस प्रकार है।

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आरकैप समूह की कंपनी रिलायंस मीडियावर्क्स फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि. पीएफएल के निवेशकों में से एक है।नरेश मल्होत्रा और नमित मल्होत्रा द्वारा प्रवर्तित कंपनी पीएफएल में रिलायंस मीडियावर्क्स की 10.57 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिलायंस मीडियावर्क्स फाइनेंशियल सर्विसेज ने शेयर बाजार को अलग से दी सूचना में कहा कि कंपनी ने बाजार नियामक सेबी से इस मामले में जांच का आग्रह किया है और क्रेडिट सुइस को प्राइम फोकस के शेयर बेचने पर तत्काल पाबंदी लगाने का आग्रह किया है। कंपनी के अनुसार पीएफएल का इक्विटी शेयर उसके वास्तविक मूल्य से कम पर बेचना न केवल गलत होगा बल्कि दी गयी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करना भी है। साथ ही यह कंपनी के करीब आठ लाख शेयरधारकों तथा एलआईसी, जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ईपीएफओ, आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड,एमएसईबी भविष्य निधि जैसे निवेशकों के हितों के खिलाफ होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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