अपनी शाखाओं में कागज के इस्तेमाल को पूरी तरह बंद करने पर विचार कर सकते हैं बैंक
इसके लिए केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है। इस क्रम में सभी रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। परिचर्चा पत्र में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
मुंबई| बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपनी शाखाओं में कागज के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने के साथ ही एटीएम पर ई-रसीद देने पर विचार कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को यह सुझाव दिया।
रिजर्व बैंक ने ‘जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त’ पर एक परिचर्चा पत्र में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर एक रणनीति तैयार करना चाहता है।
इसके लिए केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है। इस क्रम में सभी रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। परिचर्चा पत्र में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
इसमें कहा गया, ‘‘बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार कर सकते हैं।’’
आरबीआई ने 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इसके अनुसार, आरई ई-रसीदों को प्रोत्साहित करने के तरीकों और साधनों पर विचार कर सकते हैं। यह सुझाव भी दिया गया कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर एक कार्यसमूह स्थापित कर सकता है।
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