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शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे मजबूत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 20, 2020 11:16
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रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक शोध टिप्पणी में कहा कि घरेलू इक्विटी और ऋण बाजार में इस महीने अभी तक छह अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश हो चुका है, जबकि महीने में अभी एक सप्ताह का कारोबार बाकी है।
मुंबई। घरेलू शेयर बाजार के सकारात्मक रुख और अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी के चलते रुपया शुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे मजबूत होकर 74.15 के स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.15 पर खुला, जो पिछले बंद के मुकाबले 12 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.27 पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी कोषों की लगातार आवक से स्थानीय मुद्रा को भी मदद मिली।
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रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक शोध टिप्पणी में कहा कि घरेलू इक्विटी और ऋण बाजार में इस महीने अभी तक छह अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश हो चुका है, जबकि महीने में अभी एक सप्ताह का कारोबार बाकी है। शोध टिप्पणी में आगे कहा गया कि केंद्रीय बैंक इस आवक को लगातार काबू में करने की कोशिश कर रहा है, जो रुपये की बढ़त को सीमित कर सकता है। बाजार का अनुमान है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व दिसंबर में मौद्रिक नीति में राहत दे सकता है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्ब की अगली बैठक 15 और 16 दिसंबर को होनी है।
भारत में ऐपल का कारोबार अभी भी अवसरों के मुकाबले काफी कम है: टिम कुक
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 11:24
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ऐपल ने 23 सितंबर को भारत में ऐपल स्टोर की ऑनलाइन शुरुआत की थी, जिसके जरिए पहली बार देश भर के ग्राहकों को सीधे उत्पादों की पूरी श्रृंखला और सेवाओं की पेशकश की गई।
न्यूयॉर्क। ऐपल के सीईओ टिम कुक ने कहा कि कंपनी की भारत में बाजार हिस्सेदारी उपलब्ध अवसरों के मुकाबले काफी कम है, और वहां भविष्य में खुदरा स्टोरों को खोलना एक बड़ी पहल होगी। ऐपल ने 23 सितंबर को भारत में ऐपल स्टोर की ऑनलाइन शुरुआत की थी, जिसके जरिए पहली बार देश भर के ग्राहकों को सीधे उत्पादों की पूरी श्रृंखला और सेवाओं की पेशकश की गई।
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कुक ने बुधवार को 2021 की पहली तिमाही के लिए कंपनी की आय संभावनाओं पर चर्चा के दौरान कहा, ‘‘यदि आप भारत का उदाहरण लें, तो हमारा कारोबार पिछले साल की तुलना में दोगुना हो गया है। लेकिन वहां हमारा व्यापार अभी भी उपलब्ध अवसरों की तुलना में काफी कम है। और आप दुनिया भर में ऐसे और भी बाजार पा सकते हैं।’’ भारतीय बाजार में ऐपल के प्रयासों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुक ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले बताया, ऐसे कई बाजार हैं।
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भारत उनमें से एक है, जहां हमारी हिस्सेदारी काफी कम है। एक साल पहले के मुकाबले हमने सुधार किया है। इस अवधि में हमारा कारोबार लगभग दोगुना हो गया। और हम इस बढ़ोतरी के बारे में बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐपल भारत में कई पहल कर रहा है। ‘‘उदाहरण के लिए, हमने वहां ऑनलाइन स्टोर खोला, और बीती तिमाही ऑनलाइन स्टोर की पहली पूर्ण तिमाही थी। इसकी एक शानदार प्रतिक्रिया मिली और इससे पिछली तिमाही के हमारे लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिली।’’ कुक ने आगे कहा विकसित बाजारों में भी वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।
भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य 5 साल कम कर 2025 किया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 11:20
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मंहगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने एफआईपीआई (फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री) पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘वर्ष 2014 में पेट्रोल में एक प्रतिशत से भी कम एथनॉल का मिश्रण हो रहा था जबकि लक्ष्य 5 प्रतिशत का था।
नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने की समय सीमा पांच साल कम कर 2025 कर दी गयी है। मंहगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने एफआईपीआई (फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री) पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘वर्ष 2014 में पेट्रोल में एक प्रतिशत से भी कम एथनॉल का मिश्रण हो रहा था जबकि लक्ष्य 5 प्रतिशत का था।
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पिछले चीनी वर्ष में यह अनुपात 8.5 प्रतिशत पहुंच गया है और अगले साल यह 10 प्रतिशत होगा।’’ पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण (90 प्रतिशत पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण) और 2030 तक 20 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब 20 प्रतिशत का लक्ष्य 2024-25 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।’’ प्रधान ने कहा कि अगर इस लक्ष्य को हासिल किया जाता है, भारत पेट्रोल में एथनॉल मिलाने वाला ब्राजील के बाद दूसरा देश होगा। लेकिन निरपेक्ष रूप से हम ब्राजील से आगे होंगे।
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भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिये 83 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण से आयात में कमी की जा सकेगी। साथ ही एथनॉल कम प्रदूषण फैलाना वाला ईंधन है। अत: इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। प्रधान ने कहा, ‘‘2025 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के लिये , 1,000 करोड़ लीटर की जरूरत होगी। माजूदा भाव पर यह 60,000 से 65,000 करोड़ रुपये का है।’’ पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण बढ़ाने से चीनी मिलों को आय का अतिरिक्त स्रोत प्राप्त होगा और उन्हें किसानों के बकाये के भुगतान में मदद मिलेगी।
असमानता दूर करने में सरकारों की विफलता की कीमत चुका रही है दुनिया : ऑक्सफैम
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 11:13
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कोविड-19 महामारी के दौरान असमानता में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने बुधवार को कहा कि सरकारों की इस मुद्दे को हल करने की विफलता की कीमत आज दुनिया को चुकानी पड़ रही है।
नयी दिल्ली/दावोस। कोविड-19 महामारी के दौरान असमानता में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने बुधवार को कहा कि सरकारों की इस मुद्दे को हल करने की विफलता की कीमत आज दुनिया को चुकानी पड़ रही है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर बैठक में ‘सुधार के दौरान सामाजिक न्याय की आपूर्ति’ पर एक सत्र में संबोधित करते हुए बुचर ने कहा, ‘‘समानता एक ताजा और सैद्धान्तिक और गंभीर रूपरेखा है और यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।
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हम सरकारों की असमानता को दूर करने में विफलता की कीमत चुका रहे हैं। हमने असमानता में सबसे अधिक अधिक वृद्धि देखी है।’’ बुचर ने कहा कि किनारे पर बैठकर कुछ नहीं होगा। हमें असमानता को समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से दुनियाभर के नेताओं ने प्रणालीगत असमानता को दूर करने की नई प्रतिबद्धताएं जताई हैं और साथ ही उन्होंने सामाजिक न्याय को लेकर अपने हितधारक दायित्व को दर्शाया है।
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‘‘इनमें से कई ने जलवायु न्याय में उल्लेखनीय निवेश की घोषणा की है।’’ इसी सत्र को संबोधित करते हुए लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि लंदन में श्वेत और अश्वेतों पर स्वास्थ्य नतीजों और कोविड-19 के प्रभाव का अंतर इस बात का संकेत है कि हमें असमानता से निपटने को मिलकर काम करना होगा।

