पूर्व आरबीआई गवर्नर की अगुवाई वाली समिति ने एफपीआई नियमनों में बदलाव का सुझाव दिया
रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच आर खान की अगुवाई वाली समिति ने निवेश की सीमा को उदार करने, एफपीआई के लिए विदेशी निवेश को प्रतिबंधित क्षेत्रों की समीक्षा, एफपीआई को बाजार बाहर लेनदेन की अनुमति की वकालत की है। साथ ही समिति ने कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में निवेश के लिए सॉवरेन वेल्थ फंड्स पर अंकुशों की समीक्षा को भी कहा है।
नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा गठित एक समिति ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निगरानी करने वाले नियमों में उल्लेखनीय बदलाव का प्रस्ताव किया है। इसमें कुछ श्रेणी की इकाइयों के लिए पंजीकरण की जरूरतों का सरलीकरण और ऐसी इकाइयों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है जो कि लाभार्थी स्वामित्व ब्योरा देने में विफल रही हैं।
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विभिन्न अंशधारकों से विचार विमर्श के बाद सेबी (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) नियमन, 2014 पर कार्यसमूह ने अपनी रिपोर्ट नियामक को सौंपी हैं। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच आर खान की अगुवाई वाली समिति ने निवेश की सीमा को उदार करने, एफपीआई के लिए विदेशी निवेश को प्रतिबंधित क्षेत्रों की समीक्षा, एफपीआई को बाजार बाहर लेनदेन की अनुमति की वकालत की है। साथ ही समिति ने कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में निवेश के लिए सॉवरेन वेल्थ फंड्स पर अंकुशों की समीक्षा को भी कहा है।
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