जिंस वायदा बाजार में माल के भौतिक निपटान को सेबी ने नियम तय किये

SEBI rules out physical settlement of goods in consumer commodity futures market

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों से आज कहा कि वह उपभोक्ता जिंस बाजार के वायदा अनुबंधों में माल की भौतिक रूप से डिलीवरी आधारित निपटान प्रणाली को तरजीह दें।

नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों से आज कहा कि वह उपभोक्ता जिंस बाजार के वायदा अनुबंधों में माल की भौतिक रूप से डिलीवरी आधारित निपटान प्रणाली को तरजीह दें। बाजार नियामक के इस कदम से जहां एक तरफ बाजार में अतिरिक्त सौदों के जरिये एकाधिकार स्थापित करने को रोका जा सकेगा वहीं जोखिम प्रबंधन प्रणाली को बेहतर करने में मदद मिलेगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने यहां एक सकुर्लर जारी कर कहा, ‘‘वायदा सौदों में निपटान के लिये पहली वरीयता माल की डिलीवरी को दी जानी चाहिये।’’ हालांकि, उसने यह भी कहा है कि जहां उचित वजह हो ऐसे मामलों में माल की भौतिक रूप में डिलीवरी से छूट देने पर भी विचार किया जा सकता है। बाजार नियामक ने कहा है कि ऐसे मामले जहां भौतिक डिलीवरी देना संभव नहीं हो, जहां कोई चीज अप्रत्यक्ष है, उसे भंडार में लंबे समय तक रखना संभव नहीं है या फिर उसे इधर से उधर ले जाना मुश्किल हो, ऐसे मामलों में नकदी के जरिये निपटान करने का रास्ता अपनाने पर विचार किया जा सकता है।

सेबी ने कहा है कि जोखिम प्रबंधन को बेहतर ढंग से बढ़ाने के लिये यह जरूरी है कि उपभोक्ता जिंस वायदा अनुबंधों को उनके भौतिक बाजारों के अनुरूप होना चाहिये। बाजार नियामक के अनुसार वायदा कारोबार में उचित निपटान का तरीका उसके वायदा बाजार और हाजिर बाजार में दाम में एकरूपता लाने में अहम भूमिका निभाता है। ये नये नियम का ढांचा आज से प्रभावी माना जायेगा। किसी भी जिंस के विश्वसनीय बेंचमार्क दाम को निपटान मूल्य के संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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