सीतारमण ने कहा कि पारदर्शी लेखा प्रणाली के लिए नई तकनीक को अपनाना जरूरी है

Sitharaman
प्रतिरूप फोटो
ANI

उन्होंने कहा, ‘पारदर्शी लेखा प्रणाली के लिए नयी प्रौद्योगिकी तकनीक को अपनाना आवश्यक है। यह हमारे लोगों की सतत आजीविका और टिकाऊ विनिर्माण एवं सेवाओं के लिए भी आवश्यक है।’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पारदर्शी लेखा प्रणाली के लिए नयी प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत आर्थिक विकास के लिए पारदर्शी लेखांकन भी बहुत आवश्यक है और भरोसे तथा नैतिक लेखांकन प्रथाओं के बिना पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की जा सकती है। सीतारमण ने ‘लेखाकारों के 21वें वर्ल्ड कांग्रेस’ सम्मेलन के दौरान यह बात कही। वह कॉरपोरेट मामलों की मंत्री भी है। इस सम्मेलन को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ अकाउंटेंट्स (आईएफसीए) और भारतीय सनदी लेखाकार संस्था (आईसीएआई) संयुक्त रूप से आयोजित कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शी लेखा प्रणाली के लिए नयी प्रौद्योगिकी तकनीक को अपनाना आवश्यक है। यह हमारे लोगों की सतत आजीविका और टिकाऊ विनिर्माण एवं सेवाओं के लिए भी आवश्यक है।’’ सीतारमण ने कहा कि वेब 3.0 जैसी नयी प्रौद्योगिकियां हमारे कारोबार करने के तरीके में बहुत सारे बदलाव ला सकती हैं। वेब 3.0एप्लिकेशन दरअसल ब्लॉकचैन जैसे विकेंद्रीकृत प्रणाली पर चलती हैं। केंद्रीय मंत्री कंपनी संचालन में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि इस संबंध में मूलभूत स्तंभ पारदर्शी लेखांकन है। चार साल में एक बार होने वाला चार दिवसीय वैश्विक सम्मेलन देश में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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