साल में 13 महीने और समय 7 साल पीछे! Jorden से सीधा दुनियां के सबसे अजीब देश पहुंचे PM मोदी

Modi
@narendramodi
अभिनय आकाश । Dec 16 2025 4:43PM

इथोपिया की आजादी की अगर बात करते हैं तो ब्रिटिश सेना में भारतीय सैनिकों का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान था जिसके आधार पर इथोपिया को भी आजादी मिली। मित्रता, द्विपक्षीय सहयोग इसे बढ़ाने को दोनों देश लगातार प्रतिबद्ध नजर आते रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 16-17 दिसंबर को इथियोपिया की राजकीय यात्रा अफ्रीका, वैश्विक दक्षिण और विस्तारित ब्रिक्स समूह के साथ भारत की राजनयिक भागीदारी का संकेत देती है। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के निमंत्रण पर आयोजित यह दो दिवसीय यात्रा, इथियोपिया में मोदी की पहली आधिकारिक यात्रा और इस वर्ष अफ्रीका की उनकी तीसरी यात्रा होगी। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत 1 जनवरी, 2026 को ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। 2011 के बाद कि भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है लेकिन द्विपक्षीय संबंधों पर इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होनी है जिसके बाद एमओयूस पर हस्ताक्षर भी होंगे। लेकिन यह क्यों महत्वपूर्ण है? क्योंकि इथोपिया के साथ अगर हम इतिहास के पन्ने खंगालें तो इथोपिया के साथ 2000 वर्षों के ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। दोनों ही देश ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण साझेदार भी हैं। दोनों देशों के बीच का सहयोग कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है। इथोपिया की आजादी की अगर बात करते हैं तो ब्रिटिश सेना में भारतीय सैनिकों का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान था जिसके आधार पर इथोपिया को भी आजादी मिली। मित्रता, द्विपक्षीय सहयोग इसे बढ़ाने को दोनों देश लगातार प्रतिबद्ध नजर आते रहे हैं।

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संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जो कार्यक्रम रहेंगे थोपिया में उसमें बहुत महत्वपूर्ण बिंदु रहेगा जब वे संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे और जाहिर है कि जो वहां भारतीय समुदाय है जो बहुत उत्साहित है। उनके साथ भी प्रधानमंत्री का संवाद होगा। प्रधानमंत्री उनको भी संबोधित करेंगे जिसको लेकर बहुत ज्यादा इंतजार भी किया जा रहा है। 

13वां महीना होता है

इथियोपिया की सबसे अजीब और हैरान करने वाली बात उसका कैलेंडर है। इथियोपिया आज की दुनिया से लगभग सात साल पीछे चलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब रोमन चर्च ने 525 ईस्वी में अपने पुराने कैलेंडर में बदलाव किए, तो इथियोपिया ने अपना प्राचीन कैलेंडर नहीं बदला। इसलिए, वे आज भी ग्रेगोरियन कैलेंडर से पीछे चल रहे हैं। एक दिलचस्प कहानी यह भी है कि इथियोपिया में साल भी 13 महीनों का होता है. आमतौर पर 12 महीने 30 दिनों के होते हैं और जो 13वां महीना होता है, वह सामान्य साल में 5 दिन का और लीप साल में 6 दिन का होता है। 

मोदी की इथियोपिया यात्रा में ब्रिक्स का रोल

यह यात्रा इथियोपिया के ब्रिक्स में हाल ही में शामिल होने की पृष्ठभूमि में हो रही है, जो एक ऐसा समूह है जिसने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ाई है। भारत इस मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जिसे 2006 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में औपचारिक रूप दिया गया था। पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2009 में रूस में आयोजित किया गया था, और 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद इस समूह का नाम ब्रिक्स पड़ा। दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान अगस्त 2023 में निमंत्रण मिलने के बाद इथियोपिया आधिकारिक तौर पर जनवरी 2024 में ब्रिक्स समूह में शामिल हो गया। इथियोपिया के साथ-साथ मिस्र, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी इस समूह के पूर्ण सदस्य बन गए। भारतीय अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इथियोपिया को शामिल करने में नई दिल्ली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो प्रमुख बहुपक्षीय मंचों में अफ्रीकी प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है। 2026 में भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करने जा रहा है, ऐसे में मोदी की यात्रा के दौरान समूह की भावी दिशा, सदस्य देशों के बीच समन्वय और संयुक्त राष्ट्र सुधार जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण जैसे विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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मोदी की तीसरी अफ़्रीका यात्रा

मोदी की इथियोपिया यात्रा इस साल उनकी तीसरी अफ़्रीका यात्रा है। इससे पहले प्रधानमंत्री घाना और नामीबिया जा चुके हैं और पिछले महीने उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका का दौरा भी किया था। मोदी और उनके इथियोपियाई समकक्ष की आखिरी मुलाकात 2023 में जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। उस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने संसदीय आदान-प्रदान, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, युवा कौशल विकास पहल और जन-जन संपर्क सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। अबी अहमद ने वैश्विक दक्षिण में भारत के नेतृत्व के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया है। उन्होंने 2024 में मोदी की अध्यक्षता में आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ संवाद में भाग लिया और पिछले वर्ष दूसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में उद्घाटन नेताओं के सत्र में भाग लिया।

भारत-इथियोपिया संबंधों की स्थिति

भारत वर्तमान में इथियोपिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 571.52 मिलियन डॉलर रहा। इस अवधि के दौरान, इथियोपिया को भारत का निर्यात 489.59 मिलियन डॉलर का था, जबकि आयात 81.93 मिलियन डॉलर का था। भारतीय निर्यात में मुख्य रूप से प्राथमिक और अर्ध-निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी, उपकरण और धातु निर्मित वस्तुएं शामिल हैं। इथियोपिया से भारत में आयात होने वाली वस्तुओं में मुख्य रूप से दालें, सब्जियां और बीज, चमड़ा, मसाले और बहुमूल्य या अर्ध-बहुमूल्य पत्थर शामिल हैं। व्यापार के अलावा, भारत इथियोपिया के शीर्ष तीन निवेश साझेदारों में से एक है। लगभग 650 भारतीय कंपनियों ने इथियोपिया में 5 अरब डॉलर से अधिक के निवेश को लाइसेंस दिया है, जिनमें से लगभग 3 अरब डॉलर का निवेश वास्तविक रूप से हो चुका है।

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