जमानती बॉन्ड से जुड़ी कुछ समस्याओं को दूर किया गयाः इरडा

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जमानती बॉन्ड या श्योरिटी बॉन्ड एक जोखिम हस्तांतरित करने वाला बीमा उत्पाद है और ठेकेदार के अनुबंध की शर्तों से पीछे हट जाने पर बीमा लेने वाली कंपनी को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है

नयी दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के प्रमुख देवाशीष पांडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि जमानती बॉन्ड से संबंधित कुछ मुद्दों का समाधान किया गया है और जरूरत पड़ने पर इसमें अन्य बदलाव भी किए जा सकते हैं। जमानती बॉन्ड या श्योरिटी बॉन्ड एक जोखिम हस्तांतरित करने वाला बीमा उत्पाद है और ठेकेदार के अनुबंध की शर्तों से पीछे हट जाने पर बीमा लेने वाली कंपनी को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है। इरडा के चेयरपर्सन पांडा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने जमानती बॉन्ड से संबंधित कुछ परेशान करने वाले मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। इसमें आगे भी अगर बदलाव की जरूरत होगी तो उस पर गौर किया जाएगा।

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इस बारे में उद्योग जगत से सुझाव आने दीजिए, हम उनका परीक्षण करेंगे।’’ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वित्त मंत्रालय एनएचएआई और एनएचआईडीसीएल से जुड़े ठेकेदारों को अपनी बैंक गारंटी को पिछली तारीख से जमानती बॉन्ड में बदलने की अनुमति दे दी है। इसके पहले गडकरी कह चुके हैं कि जमानती बॉन्ड को अधिक आकर्षक बनाने के लिए बदलाव किए जाएंगे क्योंकि इरडा के सख्त प्रावधानों की वजह से कोई भी ठेकेदार इसे लेना नहीं चाहता है। पांडा ने जमानती बॉन्ड के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि इसे आकर्षक बनाने के लिए इरडा बीमा कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में है। इस क्रम में इरडा ने ऋणशोधन प्रावधानों के अतिरिक्त स्तर को हटा दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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